फुसरो/ गांधीनगर, पेटरवार प्रखंड की चलकरी बस्ती में बुधवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें काफी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और अपनी समस्याएं रखीं. कहा कि पेटरवार प्रखंड की दस पंचायतों और कसमार प्रखंड की संकुरा व जरीडीह प्रखंड की बारू पंचायत को मिला कर चांदो प्रखंड बनाया जाये. इसकी मांग झारखंड अलग राज्य बनने से पहले से की जा रही है. इस क्षेत्र के लोगों 30 से 35 किलोमीटर सफर तय पर पेटरवार प्रखंड जाना पड़ता है. कहा कि चलकरी बस्ती सीसीएल अधिग्रहित क्षेत्र है, इसके बाद भी मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सीसीएल की ओर से गांव में बिजली, पानी व अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं करायी गयी है.
विस्थापितों को न्याय नहीं मिला : काशीनाथ केवट
विस्थापित नेता काशीनाथ केवट ने कहा कि यहां के विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है. उनकी जमीन सीसीएल द्वारा अधिग्रहित कर ली गयी है, लेकिन बकाया नौकरी व मुआवजा नहीं मिल रहा है. विस्थापित उस जमीन पर खेती भी नहीं कर पा रहे हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
अशोक कुमार मंडल : गांव के युवा रोजगार के लिए पलायन करने को विवश हैं. शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है. उच्च शिक्षा का यहां घोर अभाव है. भरत कुमार मंडल : पेटरवार प्रखंड कार्यालय की दूरी 30 से 32 किमी होने के कारण काफी परेशानी होती है. राज्य सरकार से आग्रह है कि जल्द चांदो प्रखंड बनाया जाये. मो अब्दुल कयूम : उम्मीद थी कि डीआरएंडआरडी परियोजना चालू होगी तो क्षेत्र का विकास होगा. परंतु इंतजार करते-करते बूढ़े हो गये. सीसीएल से गांव में कोई सुविधा नहीं मिली. रंजीत कुमार मंडल : प्रखंड और अंचल कार्यालय की दूरी अधिक होने के कारण परेशानी होती है. गांव की मुख्य सड़क संकीर्ण है. बाइपास सड़क बनाने की जरूरत है. भुवनेश्वर केवट : औद्योगिक क्षेत्र से सटा होने के बाद भी गांव में बेरोजगारी गंभीर समस्या है. मेरे चार में से तीन बेटे गुजरात, लुधियाना और गोवा पलायन कर गये. मधु केवट : डीआरएंडआरडी में नौकरी के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन नौकरी नहीं मिली. एक बेटा है जो रोजगार नहीं मिलने के कारण तमिलनाडु चला गया. चुनीलाल केवट : चांदो प्रखंड बनना जरूरी है. खास कर महिलाओं को पेटरवार प्रखंड कार्यालय जाने में काफी परेशानी होती है. उन्हें योजनाओं का लाभ से वंचित भी होना पड़ता है. भूषण केवट: सीसीएल द्वारा जमीन अधिग्रहित की गयी, परंतु ना सीसीएल प्रबंधन द्वारा बिजली दी जाती है ना पानी की सुविधाएं हैं ना ही सीएसआर के तहत कोई कार्य होता है. इसके लिए कई बार आंदोलन भी हुए परंतु सीसीएल प्रबंधन मौन है. रामप्रसाद केवट : सरकार की योजनाओं का लाभ आसानी से मिले, इसके लिए चांदो प्रखंड बनना जरूरी है. सीसीएल प्रबंधन विस्थापित गांवों में कोई सुविधा नहीं देता.
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