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बंद होगी गिरिडीह कोलियरी
बेरमो : सीसीएल बीएंडके एरिया की गिरिडीह परियोजना को बंद करने का निर्णय प्रबंधन लेने जा रहा है. सोमवार को सीसीएल के सीएमडी व डीटी ने बीएंडके एरिया के महाप्रबंधक आरवी सिंह से गिरिडीह परियोजना में हो रहे उत्पादन, डिस्पैच व घाटा सहित कोयला चोरी से हो रहे नुकसान का फीड बैक लिया है. इसके […]
बेरमो : सीसीएल बीएंडके एरिया की गिरिडीह परियोजना को बंद करने का निर्णय प्रबंधन लेने जा रहा है. सोमवार को सीसीएल के सीएमडी व डीटी ने बीएंडके एरिया के महाप्रबंधक आरवी सिंह से गिरिडीह परियोजना में हो रहे उत्पादन, डिस्पैच व घाटा सहित कोयला चोरी से हो रहे नुकसान का फीड बैक लिया है. इसके बाद सीसीएल मुख्यालय इस पुरानी कोलियरी को बंद करने का निर्णय ले सकता है.
जानकारी के अनुसार कोयला मंत्रालय ने घाटे में चल रही कोलियरियों को मुनाफा में लाने या इसे बंद करने का निर्देश कोल इंडिया की सभी कंपनी के सीएमडी को दिया है. इसके आलोक में सिर्फ सीसीएल में अभी तक कई यूजी माइंस को बंद करने का निर्णय लिया जा चुका है. बीएंडके एरिया के बेरमो सीम इंकलाइन के बाद अब प्रबंधन गिरिडीह कोलियरी को बंद करने का निर्णय लेने जा रही है.
सालाना उत्पादन साढ़े चार लाख टन : गिरिडीह परियोजना में गिरिडीह कोलियरी व कबरीबांध माइंस है. दोनों से सालाना करीब साढ़े चार लाख टन कोयला उत्पादन होता है. गिरिडीह से डेढ़ लाख टन तथा कबरीबांध से ढाई लाख टन. दोनों माइंस से सीसीएल को सालाना 110 करोड़ रुपये का घाटा होता है. प्रबंधन का कहना है कि फिलहाल यहां कोयलस का खरीदार नहीं मिल रहा है.
सप्ताह में एक ही दिन रेलवे रैक मिल पाता है. पिछले साल साढ़े तीन लाख टन उत्पादन हुआ और मात्र पचास हजार टन ही कोयला बिक पाया. अभी भी तीन लाख टन कोयला स्टॉक में पड़ा हुआ है. फिलहाल गिरिडीह परियोजना में मैन पावर 1034 है. इनके वेज सहित अन्य मद में सालाना करीब 101 करोड़ रुपये खर्च होता है.
ऐसे में अगर माइंस को चलाया जाता है तो सालाना 110 करोड़ का घाटा हो रहा है. अगर माइंस को बंद कर मजदूरों को बैठा कर कंपनी वेतन देती है तो सालाना खर्च 101 करोड़ रुपये होगा. दूसरी ओर दोनों माइंस से हर दिन हो रहे हजारों टन कोयला की चोरी से भी प्रबंधन परेशान है. मालूम हो कि दो दिन पूर्व अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से पांच लोगों की मौत हो गयी थी.
कोयला मंत्रालय ने घाटे वाली कोलियरी को बंद करने का निर्देश दिया है. गिरिडीह परियोजना से कंपनी को सालाना 110 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. इसलिए मुख्यालय के उच्चाधिकारियों ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है. एरिया प्रबंधन इस संबंध में प्रस्ताव मुख्यालय अग्रसारित करेगा.
रामविनय सिंह, महाप्रबंधक, सीसीएल बीएंडके एरिया
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