उम्मीद जतायी जा रही है कि 10-15 दिनों के अंदर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो जायेगा. विभिन्न ट्रेड का प्रशिक्षण लेने वाले कैदियों को सरकार की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा. इस सर्टिफिकेट के आधार पर कैदियों को जेल से बाहर निकलने के बाद रोजगार प्राप्त कर सकते हैं या स्वरोजगार कर सकेंगे. कैदी जेल से बाहर निकल कर फिर अपराध का रास्ता ना पकड़ लें, इसी उद्देश्य से कौशल विकास कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया है. कैदियों को इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, कूकिंग, ब्यूटिशियन, बागवानी, कंप्यूटर आदि ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जायेगा. चास जेल में कैदियों की क्षमता 415 है और फिलहाल 260 कैदी यहां हैं.
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चास जेल के कैदियों को रोजगार के लिए बनाया जायेगा हुनरमंद
बोकारो: चास मंडल कारा के कैदियों को अब हुनरमंद बनाया जायेगा, ताकि जेल से निकलने के बाद वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर इज्जत के साथ रोजी-रोटी कमा सके. रोजगार से जोड़ने के लिए भारत सरकार के शहरी कौशल विकास योजना के तहत उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी. जेल प्रशासन इसके लिए तैयारी कर चुका […]
बोकारो: चास मंडल कारा के कैदियों को अब हुनरमंद बनाया जायेगा, ताकि जेल से निकलने के बाद वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर इज्जत के साथ रोजी-रोटी कमा सके. रोजगार से जोड़ने के लिए भारत सरकार के शहरी कौशल विकास योजना के तहत उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी. जेल प्रशासन इसके लिए तैयारी कर चुका है. मंडल कारा चास के अधीक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह ने इस संबंध में चास नगर निगम को पत्र भेजा है. इस पर स्वीकृति के लिए नगर निगम ने सचिवालय को प्रस्ताव भेजा है.
जेल के कैदियों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार के रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए चास नगर निगम को प्रस्ताव भेजा गया है. स्वीकृति के लिए सचिवालय भेजा है. उम्मीद है कि एक-दो सप्ताह के भीतर यह कार्यक्रम जेल में चालू हो जायेगा.
नरेंद्र प्रसाद सिंह, जेल अधीक्षक, मंडल कारा चास
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