ऐसी स्थिति में नवजात की बीमारियों की पहचान करना परिवार के सदस्यों के बस की बात नहीं है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान जीएनएम व एएनएम को नवजात के बीमारियों को सतर्कता के साथ पहचानने की जरूरत है.
साथ ही स्थिति के अनुसार नवजात को चिकित्सक के पास इलाज के लिए भेजना होगा. प्रशिक्षक डॉ कुमार ने कहा : आमतौर पर नवजात में निमोनिया, डिहाइड्रेशन, संक्रमण, कुपोषण, सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसी स्थिति में जीएनएम-एएनएम की भूमिका बढ़ जाती है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीमारी की पहचान करना. उसके अनुसार चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है. प्रशिक्षण में विभिन्न प्रखंडों की 24 जीएनएम व एएनएम शामिल थी.