इसके अलावा दिसंबर में शनिवार को यह नक्षत्र मिल रहा है. यह काफी शुभ नक्षत्र माना गया है. यह एक स्थायी नक्षत्र माना गया है. इस कारण इस दिन किया गया शुभ कार्य व इसमें की गयी खरीदारी स्थायी होती है अौर यह हमेशा फलदायक माना जाता है. वहीं इस दिन किये गये जाप व पूजा अर्चना का भी विशेष महत्व है. इसके अलावा इस दिन गौ माता की पूजा अर्चना व उन्हें गुड़ खिलाने को भी काफी शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना व उन्हें जल भी अर्पित करना चाहिए. इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी माना जाता है. यदि यह गुरु व रविवार को मिलता है, तो नक्षत्र का अौर भी विशेष महत्व हो जाता है. इस दिन पृष्यामृत योग बनता है. इस नक्षत्र को सुख स्मृद्धि दाता भी माना गया है. रविवार को अहोई अष्टमी भी है. इस कारण भी इसका महत्व और बढ़ गया है.
23 अक्तूबर को रवि पुष्य नक्षत्र, 77 वर्षों के बाद आया है ऐसा संयोग, खरीदारी के लिए उत्तम है पुष्य नक्षत्र
बोकारो:23 अक्तूूबर (रविवार) को रवि पुष्य नक्षत्र मिल रहा है. इसे काफी शुभ माना जा रहा है. शनिवार की रात 2.41 बजे से रवि पुष्य नक्षत्र शुरू हो रहा है, जो रविवार की रात 2.10 बजे तक है. रविवार को स्वार्थ सिद्धि योग भी मिल रहा है. इस कारण यह अौर फलदायी माना जा रहा […]
बोकारो:23 अक्तूूबर (रविवार) को रवि पुष्य नक्षत्र मिल रहा है. इसे काफी शुभ माना जा रहा है. शनिवार की रात 2.41 बजे से रवि पुष्य नक्षत्र शुरू हो रहा है, जो रविवार की रात 2.10 बजे तक है. रविवार को स्वार्थ सिद्धि योग भी मिल रहा है. इस कारण यह अौर फलदायी माना जा रहा है. नवंबर में यह नक्षत्र 20 को है. 19 नवंबर को दिन के 10.34 बजे से यह नक्षत्र शुरू होगा, जो रविवार को दिन के 9.57 बजे तक रहेगा.
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