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अनाथ को मिली एक वर्ष के लिए ममता की छांव

एक वर्ष की उम्र में लावारिस हालत में दुंदीबाग में मिली थी शिल्पा बोकारो के अच्छे स्कूल में नामांकन कराने की इच्छा बोकारो : जैनामोड़ स्थित इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली अनाथ आठ वर्षीया शिल्पा को एक वर्ष के लिए ममता की छांव मिली. पिंड्राजोरा थाना प्रभारी नूतन मोदी ने बच्ची के पालन पोषण […]

एक वर्ष की उम्र में लावारिस हालत में दुंदीबाग में मिली थी शिल्पा

बोकारो के अच्छे स्कूल में नामांकन कराने की इच्छा
बोकारो : जैनामोड़ स्थित इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली अनाथ आठ वर्षीया शिल्पा को एक वर्ष के लिए ममता की छांव मिली. पिंड्राजोरा थाना प्रभारी नूतन मोदी ने बच्ची के पालन पोषण का अधिकार हासिल करने के लिए गुरुवार को सभी औपचारिकताएं पूरी की. बेहतर पालन-पोषण व शिक्षा के लिए बच्ची को सौंपने से पूर्व बाल कल्याण समिति ने नूतन मोदी के आवास की जांच-पड़ताल की.
मानव सेवा आश्रम से भाग कर थाना पहुंची थी बच्ची : लगभग एक वर्ष पूर्व शिल्पा मानव सेवा आश्रम से भाग कर सेक्टर छह थाना पहुंची थी. उस दौरान सेक्टर छह थानेदार के पद पर कार्यरत नूतन मोदी बच्ची को अपने साथ रखकर बेहतर पालन-पोषण करना चाह रहीं थीं, लेकिन कानूनी अड़चन के कारण थाना प्रभारी बच्ची को अपने साथ नहीं रख सकीं. एक वर्ष तक सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गुरुवार को नूतन मोदी को बच्ची को अपने साथ ले जाने में सफलता मिली.
एक वर्ष के लिए थाना प्रभारी को मिली है बच्ची : इस संबंध में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जर्नादन चौधरी ने बताया : शिल्पा जब एक वर्ष की थी. उस समय उसके माता-पिता उसे लावारिस हालत में दुंदीबाग के पास सड़क पर छोड़ कर भाग गये थे. किसी व्यक्ति ने शिल्पा को उठा कर सेक्टर पांच मानव सेवा आश्रम के हवाले किया था. लगभग सात वर्ष तक मानव सेवा आश्रम में उसका लालन-पालन हुआ. इसके बाद वह मानव सेवा आश्रम से भाग कर सेक्टर छह थाना पहुंची.
विवाद के कारण बच्ची को इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय में रखा गया था. पिंड्राजोरा थाना प्रभारी नूतन मोदी ने बच्ची के पालन-पोषण के लिए 11 अप्रैल को आवेदन दिया था. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने नूतन मोदी के आवास की जांच की. बाल कल्याण समिति ने थाना प्रभारी को बच्ची के पालन पोषण के योग्य पाया.
फिलहाल एक वर्ष के लिए बच्ची को उनके हवाले किया गया है. इस बीच समय-समय पर बाल कल्याण समिति द्वारा बच्ची की जांच व पूछताछ की जायेगी. पालन-पोषण में किसी तरह की कमी पाये जाने पर बच्ची को वापस भी लिया जा सकता है. बेहतर परवरिश देख कर समय को बढ़ाया भी जा सकता है.

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