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सजा: पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्रा में हुई थी घटना, पत्निहंता को आजीवन कारावास
स्थानीय प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय प्रसाद ने पत्नी की हत्या के एक मामले में फैसला सुनाते हुये पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्रा, केवट टोला निवासी पति वारूणी कैवर्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही तीन हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन […]
स्थानीय प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय प्रसाद ने पत्नी की हत्या के एक मामले में फैसला सुनाते हुये पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्रा, केवट टोला निवासी पति वारूणी कैवर्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही तीन हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन माह का सश्रम कारावास होगा.
बोकारो: न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 90/15 व पिंड्राजोरा थाना कांड संख्या 34/14 के तहत चल रहा था. घटना पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्रा में 13 जून 2014 को हुई थी.
क्या है मामला : घटना की प्राथमिकी पश्चिम बंगाल के जिला व थाना पुरुलिया, ग्राम डूरको निवासी मृतका के पिता बिरबल कैवर्त ने स्थानीय थाना में दर्ज कराया था. बिरबल कैवर्त के सामने ही उनके दामाद वारूणी कैवर्त ने पुत्री मंजुरा देवी की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. मंजुदा देवी पर हमला करने से पूर्व दामाद ने बिरबल कैवर्त पर हमला किया. इससे उनकी हथेली व कलाई कट गयी थी. मृतका के पिता बिरबल कैवर्त के अनुसार, 13 वर्ष पूर्व पुत्री मंजूरा देवी का विवाह वारूणी कैवर्त से हुआ था. 13 जून 2014 को बिरबल कैवर्त अपनी पुत्री के घर आये थे. शाम के समय दामाद वारूणी कैवर्त घर आया. ससुर को देख कर वह अपनी पत्नी से झगड़ा करने लगा. इसके बाद अचानक आक्रोशित होकर वारूणी कैवर्त ने घर के कोने में रखा धारदार हथियार उठा लिया. धारदार हथियार उठा कर वह पत्नी के तरफ दौड़ा. यह देखकर बिरबल कैवर्त ने अपनी पुत्री को बचाने के लिये दामाद को पकड़ना चाहा ,लेकिन दामाद ने उनके ऊपर भी हमला कर दिया. इसके बाद दामाद ने पुत्री का बाल पकड़ कर बेरहमी से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी.
सजायाफ्ता की पुत्रियों को मिलेगी सुविधा
सजा सुनाने के बाद प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय प्रसाद ने पत्रकारों से कैंप दो स्थित कार्यालय में बातचीत की. बताया : वारूणी की तीन पुत्रियां हैं. आशा कुमारी (10 वर्ष), ज्योति कुमारी (छह वर्ष) व यशोदा कुमारी (चार वर्ष). पिता के जेल जाने के बाद तीनों बच्चियों के भरण पोषण के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है. साथ ही पत्र द्वारा डीसी व एसपी को भी तीनों बच्चियों के पठन-पाठन व आवास की व्यवस्था का निर्देश दिया है. तीनों बच्चियों को पठन पाठन के लिए जैनामोड़ स्थित इंद्रधनुष आवासीय विद्यालय में दाखिल कराया जायेगा.
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