बोकारो: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के बैनर तले बैंकों की हड़ताल बोकारो में पूरी तरह सफल रही. अनुमान है कि जिला में हड़ताल के कारण 20 करोड़ रुपया से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है.
बैंकों में ताले लटके रहे. सरकारी बैंकों के साथ निजी बैंक भी हड़ताल में शामिल थे. उनके कारोबार भी प्रभावित हुए. यूएफबीयू के सदस्य ड़ताल को पूर्ण रूप से सफल बताती है. बताते चलें कि यूएफबीयू के बैनर तले यह हड़ताल बैंक कर्मियों के वेज रीविजन और बैंकिंग कानून संशोधन को वापस लेने के लिए किया गया था. यूएफबीयू ने हड़ताल से जताना चाहा कि जन विरोधी रवैये में सरकार सुधार नहीं लाती है तो आंदोलन और तेज किया जायेगा. कहा बैंकों में आम जन की जमा पूंजी देश की 70 फीसदी पूंजी है जिसे किसी हाल में विदेशी हाथों में नहीं जाने दिया जायेगा. इस दौरान बैंक कर्मियों ने एक जुलूस निकाला जो सिटी सेंटर का चक्कर लगाते हुए बैंक ऑफ इंडिया के पास आकर सभा में तब्दील हो गयी. बताते चलें कि यूएफबीयू बैंकिंग उद्योग में कार्यरत सभी यूनियनों का युनाइटेड फोरम है.
इसमें एआइबीइसी, एआइबीओसी, एनसीबीइ, बीइएफआइ, एआइबीओए, एनओबीडब्ल्यू, एनओबीओ, आइएनबीइएफ, आइएनबीओसी आदि संगठन शामिल हैं. बोकारो-चास में हड़ताल को सफल बनाने में एसएन दास, एसपी सिंह, राजेश कुमार दीपक, राघव जी, ओपी वर्णवाल, नवीन कुमार मिश्र, नवल किशोर प्रसाद, नवल किशोर प्रसाद, बीके ठाकुर, राजेश ओझा, डीके सिन्हा, विद्या भास्कर, बीके भट्टाचार्या, रामबाबू, लालेश्वर प्रसाद, विनोद कुमार, जितेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार झा, पीएन कुशवाहा, अनूप कुमार मल्लिक आदि शामिल थे.