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इलेक्ट्रो स्टील के निदेशक डॉ आरएस सिंह से प्रभात खबर की खास बातचीत, ”विकास के लिए जरूरी है उद्योग”

बोकारो: ”विकास के लिए उद्योग-धंधे जरूरी हैं. उद्योग से ना सिर्फ देश का विकास दर बढ़ता है, बल्कि स्थानीय लोगों का जीवन स्तर में भी सुधार होता है. इलेक्ट्रो स्टील के लगने से न सिर्फ बोकारो समेत झारखंड का औद्योगिक विकास हुआ है, बल्कि चंदनकियारी व आस-पास के गांव के लोगों का जीवन स्तर में […]

बोकारो: ”विकास के लिए उद्योग-धंधे जरूरी हैं. उद्योग से ना सिर्फ देश का विकास दर बढ़ता है, बल्कि स्थानीय लोगों का जीवन स्तर में भी सुधार होता है. इलेक्ट्रो स्टील के लगने से न सिर्फ बोकारो समेत झारखंड का औद्योगिक विकास हुआ है, बल्कि चंदनकियारी व आस-पास के गांव के लोगों का जीवन स्तर में सुधार हुआ है. यह कहने की नहीं, देखने व महसूस करने की जरूरत है.” यह बातें इलेक्ट्रो स्टील-चंदनकियारी के निदेशक आरएस सिंह ने ‘प्रभात खबर’ से खास बातचीत में कही.
अकाल के बाद भी असर नहीं के बराबर : श्री सिंह ने बताया : कम बारिश के कारण चंदनकियारी समेत झारखंड सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित हो गया है. प्लांट से जुड़े होने के कारण सूखा का प्रभाव स्थानीय लोगों पर नहीं के बराबर पड़ा. प्लांट का यह सकारात्मक प्रभाव है. प्लांट ने निगमित समाजिक दायित्व के तहत एजुकेशन व स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र में काम किया गया है. इससे क्षेत्र में शिक्षा के स्तर में सुधार आया है. लोगों को इलाज की सुविधा घर के पास ही मिल जाती है. लोगों का स्कील डेवलप हुआ है. समाज में परिवर्तन की लहर है.
बड़े उद्योग से पनपनते हैं छोटे धंधे
श्री सिंह ने कहा : जिस क्षेत्र में भी बड़े उद्योग स्थापित होते हैं, वहां छोटे धंधे स्वयं ही विकसित होने लगते हैं. रोजगार के नये साधन का विकास होता है. इससे उद्योग का अप्रत्यक्ष लाभ स्थानीय लोगों को ही मिलता है. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है. जरूरत है सोच व नजरिया बदलने की. परंपरागत रोजगार से इतर सोचने की जरूरत है. इलेक्ट्रोस्टील के आने के बाद क्षेत्र का जीवन स्तर बदला है. लोगों को रोजगार का साधन मिला है. अभी तो बस शुरुआत है, धीरे-धीरे दुरगामी परिणाम नजर आयेंगे.
60 हजार लोगों को रोजगार
श्री सिंह ने कहा : प्लांट से आस-पास के 60 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. 10 से 12 हजार लोग सीधे प्लांट से जुड़े हैं, जबकि 50 हजार के करीब लोग प्लांट से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. साथ ही प्लांट क्षेत्र को बाजार उपलब्ध करा रहा है. मतलब प्लांट से जुड़े लोग दैनिक जरूरतों का समान की खरीदारी करते हैं, जिसका फायदा भी स्थानीय लोगों को हो रहा है. इसके अलावे प्लांट स्थापना के बाद आस-पास की जमीन की कीमत में अप्रत्याशित ऊछाल आया है.
बिजली मामले में भी हैं आत्मनिर्भर
श्री सिंह ने बताया : प्लांट में 60 मेगा वाट बिजली उत्पादन की दो इकाईयां है. फिलहाल, एक से उत्पादन शुरू हो गया है. दूसरे से भी जल्द ही उत्पादन शुरू होगा. बिजली निर्माण के लिए कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा है. श्री सिंह ने बताया : कोल ब्लॉक टेक ओवर के बाद प्लांट प्रभावित हुआ. विकास पर भी असर पड़ा. लेकिन, समय के साथ हालात पर काबू पा लिया जायेगा. कोल ब्लॉक टेकऑवर होने से पांच हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए. ब्लॉक से अभी तक उत्पादन शुरू नहीं होना चिंता का विषय है.

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