बोकारो: गरमी चरम पर है. जिले में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया है. चिलचिलाती धूप ऐसी हो रही है, मानो शरीर झुलस जाये. गरम हवा चल रही है. ऐसे में थोड़ी-सी लापरवाही से ‘लू’ लगने की आशंका बढ़ जाती है. गरमी के दिनों में लू लगना आम बात है. लेकिन, थोड़ी-सी सावधानी बरती जाये तो इससे बचा जा सकता है.
ये हैं लू लगने के लक्षण
रोगी का बेचैन व उदासीन दिखना. नियमित काम करने में अनिच्छा.
नाड़ी की गति अधिक बढ़ जाने के कारण तापमान 104-105 तक हो जाना.
बार-बार प्यास लगना. पानी पीने पर भी प्यास नहीं बुझना.
अधिक तापमान के कारण बेहोश हो जाना.
चेहरा लाल, सर दर्द, जी मिचलाना व उल्टियां होना.
क्या करें प्राथमिक उपचार
रोगी के शरीर को ठंडा करें. बर्फ की पट्टियाँ रखें. संभव हो तो तुरंत नहलायें. कमरे में पंखे, कूलर या एसी जो भी सुविधा हो उसे बंद न करें.
नाड़ी व तापमान हर आधे घंटे पर देखते रहें.
यदि रोगी होश में है तो निर्लजीकरण पर ध्यान रखें. ग्लूकोज और नमक या ओआरएस युक्त पानी लगातार देते रहें.
कोई भी दवा देने के पहले चिकित्सक की राय लें.
घर से निकलते समय खाली पेट न निकलें. ताजा खाना खायें. आम व पुदीना का पन्ना, दही का मट्ठा, नीबू की शिकंजी व प्याज का अधिक प्रयोग करें.
लू से बचने के घरेलू उपाय
धनिया को पानी में भिगोंकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसल कर व छान कर उसमें थोड़ी सी चीनी मिला कर पीयें.
मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोंकर रखें. बाद में उसे हाथ से मसल कर छान लें. इस पानी में थोड़ा सा शहद मिला कर दो-दो घंटे पर पीयें.
इमली के बीज को पीस कर उसे पानी में घोलें. इसमें चीनी मिला कर पीयें.
भुना हुआ आम और प्याज पीस कर लेप करना लाभदायक होता है.
प्याज का सेवन अधिक करें. बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखें.