रांची: 15 माह की आलिया (बोकारो निवासी) पर उसका वजन भारी पड़ता जा रहा है. मासूम बच्ची का वजन 31 किलो का हो गया है. डाॅक्टरों के अनुसार अप्रत्याशित रूप से वजन वृद्धि होने के कारण उसका जीना दूभर होने लगा है. बच्ची को चिकित्सकों ने प्रेडर विली सिंड्रोम (जन्मजात बीमारी) से पीड़ित होने का अनुमान लगाया है. कम उम्र में बहुत अधिक वजन के कारण उसके माता-पिता परेशान हैं. हालांकि बच्ची को स्वस्थ करने में लंदन की संस्था बारक्राफ्ट मीडिया सहयोग कर रही है. संस्था ने राजधानी के अस्पताल आर्किड मेडिकल सेंटर को उसके इलाज के लिए चुना है. मंगलवार को संस्था के प्रतिनिधि इलाज के लिए उसे आर्किड अस्पताल ले आये.
तीन माह से ही बढ़ने लगा था वजन
शबनम परवीन ने बताया कि आलिया जन्म के समय सामान्य थी. उसका वजन तीन माह से ज्यादा बढ़ने लगा था. कम उम्र में ही वह ज्यादा खाना खाने लगी थी. उसने सब काम देरी से किया. बैठना एवं पलटना भी देरी से किया है. अभी तक उसका पैर जमीन पर नहीं पड़ा है. वह चलने में असमर्थ है. ठीक से बोल भी नहीं पाती है. सांस लेने में भी दिक्कत होती है.
वजन के कारण ही एक लड़की को खोने का गम
बोकारो के रहने वाले पिता सलीम एवं माता शबनम परवीन ने बताया कि पूर्व में भी डेढ़ साल की बच्ची को हमलोगों ने खो दिया है. उसमें भी वजन बढ़ने की समस्या थी. डेढ़ साल में ही उसका वजन 24 किलाे हो गया था. एक दिन अचानक खाना खाते ही वह बेहोश हो गयी. अस्पताल में ले जाने पर चिकित्सकों ने कहा कि उसके ब्रेन की नस फट गयी है, इससे उसकी मौत हो गयी. हम इस बार आलिया को खाेना नहीं चाहते है.
क्या है प्रेडर विली सिंड्रोम
यह एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी है. इसमें अप्रत्याशित रूप से वजन बढ़ता है. शरीर में ताकत नहीं आती है. इससे बच्ची को विभिन्न प्रकार की बीमारी हो जाती है.
जांच का दिया गया परामर्श
अल्ट्रासाउंड, बोन स्कैन, थायराइड, ग्रोथ हार्मोन, एक्सरे
आलिया में प्रेडर विली सिंड्रोम (जन्मजात बीमारी) होने का अनुमान लग रहा है. इसमें अप्रत्याशित रूप से वजन बढ़ जाता है. बच्ची की उम्र के हिसाब से अधिकतम वजन 12 से 13 किलो होना चाहिए, लेकिन वह 31 किलो की है. कई जांच करायी जायेगी, इसके बाद ही कुछ स्पष्ट हो पायेगा.
डॉ भव्य कुमार जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ