बोकारोः हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक अधिकांश युवा प्रोफेसर के पेशे को पहले नंबर पर मानते हैं और दूसरे नंबर पर डॉक्टर के. डॉक्टर का क्रेज शायद ही कभी खत्म होगा. डॉक्टर का पेशा मतलब संबंधित फील्ड का गहन ज्ञान, अत्यधिक धैर्य और जबरदस्त संवेदनशीलता.
नींव मजबूत हो, तो बड़ी से बड़ी और मजबूत इमारत खड़ी की जा सकती है. मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के समय भी आपको यही मूल मंत्र ध्यान रखना होगा. यदि 10वीं-12वीं कक्षा के स्तर के फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पर पकड़ अच्छी है, तो समझ लीजिए आपकी आधी तैयारी यूं ही हो गयी.
तैयारी के लिए कोई जादुई मंत्र नहीं है. इसके लिए आपको एक खास रणनीति के तहत पढ़ाई करनी होगी. फिजिक्स में ज्यादा से ज्यादा फार्मूले तैयार करने चाहिए. इसमें टारगेट रखें कि न्यूमेरिकल्स नियत अवधि में कंपलीट हो जाये. केमिस्ट्री की तैयारी टेबलर फॉर्म में करें और उसे लगातार रिवाइज करते रहें.