मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से एपीपी शेखर सिन्हा ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि वर्ष 1999 में बोकारो की आइआइटी गोइंग मेधावी छात्र को उठा कर खुले मैदान में ले जाकर आरोपियों ने बारी-बारी से बलात्कार किया. आरोपियों ने पीड़िता को नाली का पानी पिलाया.
बेरहमी से मारा पीटा गया, जिससे मानवता भी शर्मसार हुई. निचली अदालत ने 21 आरोपियों को दोषी पा कर आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. इस घटना से बोकारो के सांप्रदायिक सौहार्द पर भी असर पड़ा था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अब्दुल सतार अंसारी, मोजीब अंसारी, काजी रिजवान, अब्बास अंसारी, हबीब अंसारी व अन्य की ओर से अलग-अलग अपील याचिका दायर कर सजा को चुनौती दी गयी है.