शहादत दिवस के बाद परिषद् स्थानीयता (डोमिसाइल) नीति व झारखंड की संस्कृति को बचाने के लिए आंदोलन करने का संकल्प लिया गया.
इस दौरान बिरसा शहादत दिवस को सफल बनाने के लिए एक कमेटी गठित होगी. इसमें अध्यक्ष खिरोधर मुमरू, उपाध्यक्ष घांसी राम तांती, जानकी सिंह, विनोद बिहारी, हांसदा, महासचिव संजय गागराई, सचिव महेश मुंडा, संगठन सचिव जितेंद्र मुमरू, कोषाध्यक्ष करमचंद हांसदा व कार्यकारिणी सदस्य में योगो पूर्ति के अलावा 15 लोगों को बनाये गये. मौके पर फ्रांसिस श्रवड़ा, डीसी गोहाई, शांति भारत, दुर्गा प्रसाद सोरेन, मुरलीधर मांझी, लक्ष्मी नारायण मरांडी आदि उपस्थित थे.