बोकारो: जिला परिषद की बैठकों में विकास योजनाओं की समीक्षा होती है. जनप्रतिनिधि अपने इलाके की समस्याओं और विकास कार्यो के बारे बहस करते हैं और सदन कई तरह के फैसले लेता है. उसके बाद क्या सही में वह योजना जिस पर फैसला लिया जाता है, उसके साथ कुछ होता है. ऐसा अभी तक एक भी मामला नहीं आया जहां जिप सदन में बात उठने के बाद किसी भी योजना में कोई सुधार हुआ हो.
ऐसा ही एक मामला फिर से प्रकाश में आया है. इस बार मामला करीब पांच करोड़ का है. करगली गेट से बेरमो फाटक तक बनी 2.5 किमी लंबी सड़क की लागत पांच करोड़ की है. सड़क बनाने की जिम्मेवारी पीडब्ल्यूडी विभाग की थी. बताते चलें कि यह सड़क करीब 15 सालों से टूटी पड़ी थी. सड़क बनना शुरू हुआ तो कोयलांचल की जनता खुश हुई. लेकिन सड़क बनाने में हुई अनियमितता को देख जनता की आस पर पानी फिरता दिख रहा है. जिप की बैठक में यह मामला जिप सदस्य आफताब आलम और भरत यादव ने जोर-शोर के उठाया. सदन में जांच कमेटी बना कर जांच करने की बात पर मुहर लगी. जांच में डीएसओ राजेश कुमार राज, जिप सदस्य आफताब आलम, कार्यपालक अभियंता विशेष प्रमंडल बासुकीनाथ सिंह और भरत यादव शामिल हैं.
कमेटी ने जब सड़क बनाने वाली एजेंसी से जांच के लिए प्राक्कलन और अन्य कागजात की मांग की तो विभाग ने इनकार कर दिया. विभाग का कहना है कि किसी भी जांच के लिए वह कागज किसी को नहीं दे सकते.