बोकारो: चास जेल के दर्जनों बंदियों ने जिले के उपायुक्त को पत्र लिख कर जेल के जमादार अवधेश सिंह के आतंक से बचाने की गुहार लगायी है. आरोप है कि जमादार जेल के अंदर बंदियों को शारीरिक व मानसिक रूप से यातना देकर रुपये की वसूली कर रहे हैं.
बंदी रुपये की मांग पूरी नहीं कर पाता है, उससे शौचालय व नाली सफाई का काम कराया जाता है. बंदी को दिन भर वार्ड से बाहर निकलने व किसी से बात करने पर भी पाबंदी लगायी जाती है. दस लाख के चेक बाउंस के मामले में जेल आये बंदियों से 50 हजार रुपये तक की मांग की जाती है.
आर्थिक रूप से संपन्न वैसे बंदी जो जमादार को पैसे देते हैं. उन्हें अच्छे वार्ड में रखा जाता है. इसके एवज में जमादार 10 हजार से लेकर 15 हजार तक लेता है. वार्ड बदलने के लिए 15 सौ से दो हजार रुपये तक की वसूली होती है. बंदियों की आर्थिक स्थिति देख रकम तय की जाती है. बंदियों को घटिया स्तर का खाना मुहैया कराया जाता है. जमादार जब गांव जाते हैं तब बंदियों से वाहन व पैसे की मांग की जाती है.
विगत छह जून को चास जेल के बंदी केसरी लाल गुप्ता ने जमादार से अपने पूरे भोजन की मांग की, तो सभी बंदियों के सामने उसे बेरहमी से लाठी-डंडा से पिटा गया. बंदियों ने जमादार अवधेश सिंह के खिलाफ बोकारो के पुलिस अधीक्षक, जेल आइजी, मानवाधिकार आयोग व राज्यपाल को भी पत्र लिखा है. इधर जेल प्रशासन का कहना है कि अनुशासन तोड़ने वाले बंदी को परेशानी हो रही है.