30 सितंबर को मूर्ति विसर्जन कराने की बात कही. डीजीपी ने एसपी को पर्याप्त बलों की तैनाती व त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कहा कि प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों के संबंध में बीच-बीच में जांच करें. सभी थाना को अलर्ट रहने की हिदायत दी व संवेदनशील स्थानों पर सतर्कता बरतने की बात कही. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीसी, एसपी के अलावा अपर समाहर्ता जुगनु मिंज, चास एसडीएम सतीश चंद्र, सभी डीएसपी व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
इसमें कहा गया है कि पूजा पंडाल का निर्माण उपलब्ध खाली जमीन के अनुरूप चारों ओर जगह छोड़ कर किया जाये, पंडाल का निर्माण किसी मकान या संस्थान से पर्याप्त दूरी पर हो, पंडाल के निर्माण में नायलॉन, सिंथेटिक या ज्वलनशील सामग्री का उपयोग नहीं हो, प्रवेश व निकास के लिए अलग-अलग दरवाजा बनाये जाये, आम रास्ता या सड़क का अतिक्रमण नहीं हो, पंडाल की ऊंचाई सुरक्षात्मक तरीके से सुनिश्चित हो, बिजली की वायरिंग सुरक्षित तरीके से कराये व वैध कनेक्शन लें, अग्निशमन यंत्र, पानी व बालू की व्यवस्था हो, पंडाल के निकट प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाये, सीसीटीवी कैमरा लगाये, स्वयंवकों को पहचान पत्र दें, ध्वनि व धुआं रहित जेनेरेटर की व्यवस्था की जाये, अस्पताल व स्कूल के निकट लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जाये, पंडाल के निकट मुख्य सड़क पर किसी प्रकार की खुदाई ना करें. सभी पूजा पंडाल के मुख्य आयोजक व मुख्य कार्यकर्ताओं का नाम, पता व मोबाइल नंबर स्थानीय थाना में पूजा के पूर्व उपलब्ध कराये.