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महिला कॉलेज: 46 माह से शिक्षकेतर कर्मियों का वेतन बकाया, कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

बोकारो: मैडम लगभग चार साल हो गये, वेतन के नाम पर अठ्ठनी तक नहीं मिली है. सरकार ने वेतन के नाम पर पैसा भी जारी कर दिया है. अब क्या भूख से मरने के बाद वेतन मिलेगा? बिना वेतन आखिर कैसे काम करें. शुक्रवार को बोकारो महिला कॉलेज के शिक्षकेत्तर कर्मियों ने वेतन की मांग […]

बोकारो: मैडम लगभग चार साल हो गये, वेतन के नाम पर अठ्ठनी तक नहीं मिली है. सरकार ने वेतन के नाम पर पैसा भी जारी कर दिया है. अब क्या भूख से मरने के बाद वेतन मिलेगा? बिना वेतन आखिर कैसे काम करें. शुक्रवार को बोकारो महिला कॉलेज के शिक्षकेत्तर कर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर काम का बहिष्कार किया. शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की बैनर तले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का नेतृत्व विपिन कुमार पाठक ने किया. श्री पाठक ने बताया : 46 माह का वेतन बकाया है.

पांच मई 2017 को कॉलेज के खाता में सरकार की ओर से वेतन का पैसा आ गया है. बावजूद इसके वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. बताया : प्राचार्या के ढुलमुल रवैया के कारण वेतन भुगतान नहीं हो रहा है. हमेशा बहाना बना कर इनकार करती हैं. बताया : 11 जुलाई को वेतन भुगतान के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन प्राचार्या ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया.

विधायक के हस्तक्षेप का भी नहीं मिला फायदा : श्री पाठक ने बताया : शिक्षकेत्तर कर्मी 10 जुलाई को कॉलेज के अध्यक्ष सह बोकारो विधायक बिरंची नारायण को पत्र सौंपा. विधायक ने पहल करते हुए शासी निकाय की बैठक के लिए प्राचार्या से संपर्क किया. लेकिन, प्राचार्या ने समयाभाव के कारण बैठक बुलाने से मना कर दिया. विपिन पाठक ने बताया : शिक्षकेत्तर कर्मी के प्रति प्राचार्या का व्यवहार द्वितीय स्तर का है. जब भी कर्मी बात को रखने की कोशिश करते हैं, प्रचार्या कटुता से पेश आतीं हैं.
वेतन बढ़ाने के नाम पर वेतन पर रोक : विपिन पाठक ने बताया : 46 माह से शिक्षकों का भी वेतन बकाया है. शिक्षक कर्मी वेतन में इजाफा की मांग कर रहे हैं. चुकी इनकी मांग पूरी नहीं हो पायी है. इस कारण शिक्षकेत्तर कर्मी के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. कॉलेज में 95 शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मी कार्यरत हैं. मौके पर रामनारायण झा, परमेश्वर राम, अखिलेश प्रसाद समेत कई मौजूद थे.
11 जुलाई को शिक्षकेतर कर्मी ने मांग पत्र सौंपा था. 20 जुलाई को पत्र का जवाब दिया गया. जवाब में एक सप्ताह के अंदर शासी निकाय की बैठक बुला कर वेतन भुगतान की बात कही गयी. लेकिन, कर्मियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. जहां तक बोकारो विधायक की ओर से शासी निकाय की बैठक की बात है, उन्होंने 16 जुलाई को बैठक बुलाई थी, लेकिन कॉलेज सचिव के बाहर रहने के कारण बैठक में कॉलेज शामिल नहीं हुआ.
सुनीता सिन्हा, प्राचार्या- बोकारो महिला कॉलेज

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