दर्ज प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि निखिल प्रियदर्शी, उसके पिता और राजेश रंजन व अन्य ने जमीन के फर्जी दस्तावेज, फर्जी सिक्यूरिटी बांड आदि जमा कर बैंक से पांच करोड़ रुपये के क्रडिट की सुविधा ली. यह सुविधा प्रियदर्शी कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर ली गयी. क्रेडिट सुविधा लेने के बाद इन लोगों ने कर्ज की रकम लौटाना बंद कर दिया. जांच के दौरान यह पाया गया कि प्रियदर्शी प्राइवेट लिमिटेड उस स्थान पर है ही नहीं, जहां बताया गया था. इस तरह इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकार को नुकसान पहुंचाया.
उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व मंत्री की बेटी ने दो माह पहले निखिल प्रियदर्शी पर आरोप लगाया था कि निखिल ने उसे सेक्स रैकेट में धकेलने की कोशिश की. इस काम में कांग्रेस के एक बड़े नेता का भी नाम सामने आया. पूर्व मंत्री की बेटी की शिकायत के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारे में सनसनी फैल गयी. निखिल प्रियदर्शी फरार हो गया, लेकिन उसके बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. वह बेली रोड में वाहनों का एजेंसी चलाता था. पटना में उसकी पहचान महंगे होटलों में पार्टी देने को लेकर थी. उसकी पार्टी में सत्ता शीर्ष के लोगों के अलावा कई आइएएस-आइपीएस भी पहुंचते थे.