अधिकारियों ने बताया कि उसके विरुद्ध पश्चिम बंगाल के शेक्सपियर नगर थाना में रंगदारी मांगने का मामला दर्ज है. वह अक्सर रेलवे टेंडर लेनेवाले संवेदकों से रंगदारी मांगा करता था. इस काम में उसका साथ झारखंड के धनबाद निवासी फहीम खान तथा बिट्टू मिश्रा दिया करता था. फहीम खान जेल में बंद है. हाल ही में रेलवे में हुए 40 करोड़ के एक टेंडर में उसने संवेदक से दो करोड़ रुपये रंगदारी की मांग की थी. पुलिस ने बताया कि वह 2008 तथा 2012 में रांची जेल में बंद था.
इसके बाद 2015 से उसने अपना ठिकाना नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र को बना रखा था. इस क्षेत्र में रह कर भी वह सक्रिय था. पुलिस को तलाशी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल व एक डायरी मिली है. इस डायरी में रेलवे टेंडर लेनेवाले संवेदकों के नाम व नंबर अंकित हैं. बंगाल पुलिस उसे शनिवार को अपने साथ ले गयी है.
उल्लेखनीय है कि रेलवे ठेकेदार पुनीत पाठक से रंगदारी मांगने के लिए धनंजय प्रधान ने विभिन्न मोबाइल नंबरों का प्रयोग किया था. एक मोबाइल नंबर झारखंड का, दूसरा बिहार का और तीसरा नेपाल का था. उसने रंगदारी मांगने के दौरान झारखंड के अपराधी विनोद सिंह का भी नाम लिया था. विनोद सिंह झारखंड में पूर्व से फिरौती के लिए अपहरण करने और रंगदारी मांगने का गिरोह चलाता है. जानकारी के अनुसार धनंजय प्रधान के खिलाफ पूर्व से रांची जिला में कई मामले दर्ज हैं. वह अक्सर फोन कर रांची के व्यवसायी सहित दूसरे लोगों से रंगदारी की मांग किया करता था.