मामला लंगटा बाबा कॉलेज का
गिरिडीह : मिर्जागंज में स्थित लंगटा बाबा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अजरुन राय समेत तीन लोगों पर गबन का मामला दर्ज कर लिया गया है. यह मामला वर्तमान प्रभारी प्राचार्य कमल नयन सिंह के आवेदन पर दर्ज किया गया है. आवेदन में कहा गया है कि वर्ष 2013-14 में स्नातक पार्ट वन के कला, वाणिज्य एवं विज्ञान के छात्रों से नामांकन, पंजीयन, प्रब्रजन आदि शुल्कों से कुल 10 लाख 70 हजार 720 रुपये प्राप्त हुआ था.
इसके एवज में मात्र 98000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट उन्हें प्राप्त हुआ और मात्र 3 हजार 400 रुपये कॉलेज के बैंक खाते में जमा कराये गये. शेष राशि 9 लाख 69 हजार 320 रुपये पूर्व प्राचार्य अजरुन राय, वर्सर दिलीप कुमार सिंह एवं कार्यालय सहायक सह रोकड़पाल विशेश्वर रविदास द्वारा गबन कर लिया गया है.
इसके अलावा 28 जून 2011 से 13 दिसंबर 2013 तक छात्रों से वसूली गयी राशि भी बैंक में जमा नहीं करायी गयी है. आवेदन में यह भी कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य को कैश एवं फाइनांस हैंडल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इसके बावजूद तीनों ने एक साजिश के साथ जालसाजी कर राशि हजम कर ली. इन कर्मियों की वजह से विश्वविद्यालय का अधिनियम भी तार-तार हुआ है. इस मामले को जमुआ थाने में कांड संख्या 55/2014 में दर्ज कर लिया गया है. जमुआ थाना प्रभारी संजय बर्मन ने बताया कि लंगटा बाबा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अजरुन राय, वर्सर दिलीप कुमार सिंह एवं कार्यालय सहायक विशेश्वर रविदास के विरुद्ध भादवि की धारा 419 और 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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जीबी ने दिया था प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश
पूर्व प्राचार्य अजरुन राय, वर्सर दिलीप कुमार सिंह व कार्यालय सहायक विशेश्वर रविदास के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय जीबी की बैठक में लिया गया था. 6 फरवरी 2014 को उपायुक्त डीपी लकड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में जब राशि के गबन का मामला उठा तो सबसे पहले स्पष्टीकरण पूछने का निर्णय लिया गया.
स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं दिया गया. 18 फरवरी 2014 को पुन: उपायुक्त डीपी लकड़ा की अध्यक्षता में जीबी की बैठक हुई. इस बैठक में कॉलेज में हुए गबन और स्पष्टीकरण पर चरचा करने के उपरांत वर्तमान प्रभारी प्राचार्य कमल नयन सिंह को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अधिकृत किया गया. इधर, प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद प्रभारी प्राचार्य कमल नयन सिंह ने बताया कि वर्ष 2013-14 में स्नातक पार्ट वन के कला, वाणिज्य एवं विज्ञान के छात्रों से पंजीयन एवं प्रब्रजन प्रपत्र के लिए विश्व विद्यालय को लगभग 2 लाख रुपये भेजना है.
परंतु उनके पास मात्र 98 हजार का ड्राफ्ट जमा कराया गया है. शेष रकम की कमी के कारण लगभग 886 छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता सभी छात्रों की निर्धारित रकम को विश्वविद्यालय में जमा कराने की है और इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.