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सीआरपीएफ के जवान पर हत्या का केस, फिर भी नौकरी में

रांची: पलामू में नक्सली के नाम पर निदरेष दारा सिंह की गोली मार कर हत्या करने का आरोपी हवलदार जसवंत सिंह काम रहा है. सीआइडी के इंस्पेक्टर भरत राम को सूचना है कि वर्तमान में जसवंत सिंह पलामू स्थित सीआरपीएफ के 134 बटालियन में पदस्थापित है. जसवंत सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट भी जारी […]

रांची: पलामू में नक्सली के नाम पर निदरेष दारा सिंह की गोली मार कर हत्या करने का आरोपी हवलदार जसवंत सिंह काम रहा है. सीआइडी के इंस्पेक्टर भरत राम को सूचना है कि वर्तमान में जसवंत सिंह पलामू स्थित सीआरपीएफ के 134 बटालियन में पदस्थापित है.

जसवंत सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट भी जारी है. इंस्पेक्टर राजस्थान के अलवर स्थित जसवंत के घर जाकर उसके खिलाफ न्यायालय से जारी इश्तेहार का तामिला भी कर चुके हैं. इसके बावजूद हवलदार पर कार्रवाई नहीं हुई. जसवंत के पलामू स्थित सीआरपीएफ बटालियन में पदस्थापित होने की सूचना जब इंस्पेक्टर भरत राम को मिली, तब वह कैंप पहुंचे. लेकिन सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया. इंस्पेक्टर ने इस बात की जानकारी ज्ञापांक संख्या 55/13 के माध्यम से सीआइडी मुख्यालय के अधिकारियों को दी है. इंस्पेक्टर ने संबंध में जानकारी पूर्व में दिनांक 11 मई 2013 को ज्ञापांक संख्या 53 के माध्यम से पलामू एसपी और दिनांक नौ मई 2013 को ज्ञापांक संख्या 52 के माध्यम से सीआरपीएफ के अधिकारियों को दी है.

क्या था मामला
16 जनवरी को 2012 को नक्सलियों की बंदी थी. इस दौरान पलामू जिला के छत्तरपुर थाना क्षेत्र के सुलतानी घाटी में सीआरपीएफ के जवान गश्ती पर थे. इसी दौरान दारा सिंह और अजीत सिंह वाहन पर सवार कहीं जा रहे थे. उन्हें देखते ही सीआरपीएफ के एक जवान ने गोली मार दी. घटना में दारा सिंह की मौत हो गयी, जबकि अजीत सिंह उर्फ दारा सिंह घायल हो गया. घटना के संबंध में अजीत सिंह के बयान पर छत्तरपुर थाना में कांड संख्या 07/12 के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ. लेकिन अजीत ने गोली चलाने का आरोप किसी पुलिस कर्मी पर नहीं लगाया था.

जांच में दोषी मिला जसवंत
मामले की जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मिली. आयोग ने 22 फरवरी 2012 को मामले की जांच का निर्देश सीआइडी को दिया. जांच के दौरान सीआइडी ने पाया कि जिस व्यक्ति दारा सिंह को नक्सली समझा कर गोली मारा गया था. वह निदरेष था. उसकी मौत सीआरपीएफ के हवलदार जसवंत सिंह की गोली लगने से हुई थी. जसवंत सिंह ने गोली बिना किसी वरीय अधिकारी के निर्देश पर मारा था, इसलिए जसवंत सिंह दारा सिंह की मौत के लिए दोषी है.

आइजी भी भेज चुके हैं रिपोर्ट
पूर्व में सीआइडी विभाग में आइजी के रूप में पदस्थापित रहे अनुराग गुप्ता भी रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भेज चुके है. उन्होंने भी लिखा कि जसवंत सिंह के चूक के कारण दारा सिंह की मौत हुई थी.

फैक्ट फाइल

घटना की तिथि- 16 जनवरी 2012

प्राथमिकी दर्ज- 17 जनवरी 2012

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सीआइडी को दिया जांच- 22 फरवरी 2012

सीआरपीएफ के हलवदार के पलामू स्थित सीआरपीएफ के 134 वीं बटालियन में पदस्थापित होने की सूचना मिली थी. मैं वहां गया था, लेकिन सहयोग नहीं मिला. मैं इसकी जानकारी सीआइडी मुख्यालय के अधिकारियों को लिखित रूप से दे चुका हूं.

भरत राम, सीआइडी टीम प्रभारी, पलामू

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