रांची: राज्य के राजनीतिक दलों ने झामुमो के उस फैसले की कड़ी निंदा की है, जिसके तहत सविता महतो को राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित कर नाम वापस ले लिया गया. पार्टियों का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोरचा ने शहीद परिवार के साथ भद्दा मजाक किया है. इस पार्टी के लिए प्राथमिकता में शहीद परिवार नहीं, राज्य की सत्ता है. सविता महतो पर पहले से ही दुख का पहाड़ टूटा था, ऐसे में उसकी ही पार्टी ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया.
झामुमो के सुप्रीमो की अपरिपक्वता: राजाराम
कुरमाली भाषा परिषद अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में झामुमो सुप्रीमो की अपरिपक्वता झलकती है. पहले तो जेएमएम ने प्रत्याशी सविता को बनाया, बाद में प्रेमचंद गुप्ता का समर्थन किया. जेएमएम को चाहिए था कि वह सविता को वोट करता. अगर सविता नहीं जीत जाती, तो भी इज्जत बची रह जाती.
जेएमएम विधायक कर रहे हैं नौटंकी: लालचंद महतो
पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो ने कहा है कि इस्तीफा देनेवाले तीनों विधायक नौटंकी कर रहे हैं. उन्हें पता है कि क्षेत्र की जनता सविता महतो के अपमान का बदला इन विधायकों से लेगी. जिस प्रकार से झामुमो ने बाहरी प्रत्याशी का समर्थन किया है, उससे पार्टी नेताओं को अपने क्षेत्र में मुंह दिखाने की हिम्मत नहीं है.
झामुमो ने सविता को किया अपमानित : आभा महतो
पूर्व सांसद आभा महतो ने झामुमो की ओर से राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित कर नाम वापस लेने के फैसले की निंदा की है. कहा, ऐसा कर पार्टी ने सविता को न सिर्फ अपमानित करने का काम किया, बल्कि उनके दुख : को और बढ़ाने का काम किया है.अपने क्षेत्र में मुंह दिखाने की भी हिम्मत नहीं है.
यह कमजोर नेतृत्व की है निशानी : रघुवर दास
पूर्व उप मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक रघुवर दास ने कहा कि सविता महतो आंदोलनकारी परिवार से जुड़ी हुई हैं. झामुमो को दुख की घड़ी में सविता महतो के साथ खड़ा रहना चाहिए था, लेकिन पार्टी ने उनके दुख को और बढ़ा दिया है. झामुमो को निर्णय लेने से पहले विचार करना चाहिए था. आंदोलनकारी का साथ देनेवाली पार्टी का यह फैसला अमानवीय है. झामुमो ने साबित कर दिया है कि आंदोलनकारी नहीं, बल्कि सत्ता उसकी पहली प्राथमिकता है. यह कमजोर नेतृत्व की निशानी है.
कुरसी बचाने के लिए किया समझौता : दीपक प्रकाश
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी झामुमो के इस फैसले को अमानवीय बताया है. उन्होंने कहा कि झारखंड की माटी का दम भरनेवाली पार्टी ने अपने इस फैसले से राज्य को शर्मसार कर दिया है. पार्टी ने शहीद परिवार को अपमानित करने का काम किया है. सत्ता और कुरसी बचाने के लिए उस दल के साथ समझौता किया है, जो झारखंड का घोर विरोधी रहा है. इस घटना की जितनी भी निंदा की जाये, कम होगी. झामुमो को आंदोलनकारी परिवार का सम्मान करना चाहिए था.
स्थानीयता के नाम पर खिलवाड़ : केएन मिश्र
सविता महतो प्रकरण में झारखंड प्रदेश जदयू के वरीय उपाध्यक्ष कृष्णानंद मिश्र ने कहा कि झामुमो की यह नयी आदत नहीं है. इससे पहले भी शिबू सोरेन झारखंड का सौदा करते रहे हैं. बाहरी-भीतरी के नाम पर राजनीति होती रही है. झामुमो ने स्थानीयता के नाम पर खिलवाड़ किया है. सविता महतो को प्रत्याशी घोषित कर उनका नाम वापस लेना राज्य हित में फैसला नहीं है. पार्टी को आंदोलनकारी परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए था.
अपने स्टैंड पर कायम रहना चाहिए था : जलेश्वर
जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि झामुमो ने आंदोलनकारी परिवार से जुड़ी सविता महतो को प्रत्याशी बनाया था. उसे अपने स्टैंड पर कायम रहना चाहिए था. सविता महतो के परिवार ने इस राज्य के लिए कुरबानी दी है. झामुमो ने फैसला बदल कर शहीद परिवार को अपमानित करने का काम किया है. सोच-समझ कर निर्णय लेना चाहिए था.
ड्रामा है झामुमो के तीन विधायकों का इस्तीफा : ददई दुबे
मंत्री चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) ने झामुमो के तीन विधायकों के इस्तीफे को ड्रामा बताया है. राजद के प्रेमचंद गुप्ता को राज्यसभा का टिकट देने के फैसले से संबंधित सवाल पूछे जाने पर श्री दुबे ने कहा कि किसकी शिकायत करें और किसकी प्रशंसा, उन्हें कुछ नहीं समझ में नहीं आ रहा है. हमलोग आलाकमान का आदेश मानते हैं, पर झामुमो के तीनों विधायकों मथुरा महतो, विद्युत वरण महतो व जगन्नाथ महतो का इस्तीफा ड्रामा है.
बाबूलाल गुड़ खाते हैं, पर गुलगुले से परहेज : सुबोधकांत
बाबूलाल मरांडी द्वारा सविता महतो को समर्थन देने के सवाल पर सांसद सुबोधकांत सहाय ने कहा कि बाबूलाल समझदार नेता हैं. वे गुड़ खाते हैं और गुलगुले से परहेज करते हैं.
जिन लोगों ने धोखा दिया है, वे ही डैमेज कंट्रोल करें: बसंत सोरेन
झारखंड मुक्ति छात्र मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत सोरेन ने कहा है कि आंकड़ा नहीं होने के कारण सविता देवी का नाम वापस लेना पड़ा. स्थानीयता की बात करनेवाली भाजपा और आजसू ने बाहरी उम्मीदवार उतारा. जनता इसे माफ नहीं करेगी. श्री सोरेन चार फरवरी के पार्टी स्थापना समारोह की समीक्षा के दौरान धनबाद सर्किट हाउस में यह कहा. कुरमी समाज काफी गुस्से में है, कैसे करेंगे डैमेज कंट्रोल, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धोखा दिया है, वही डैमेज कंट्रोल भी करेंगे, झामुमो कुछ नहीं करेगा.
सविता महतो के साथ खड़ा है झामुमो : विनोद
झामुमो के प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि सविता महतो के साथ हम सबकी संवेदना जुड़ी हुई है. वह राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा या बोर्ड-निगम जहां भी जाना चाहेंगी, पार्टी उनकी इच्छा का सम्मान करेगी, पर झाविमो, आजसू और भाजपा ने आंदोलनकारी परिवार की विधवा के साथ क्या किया? आश्वासन देकर उन्हें बेइज्जत किया है.
आंदोलनकारियों के लिए पार्टी ने त्याग किया : सुप्रियो
झामुमो के प्रदेश महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आंदोलनकारियों के लिए पार्टी ने हमेशा त्याग किया है, पर जो लोग निर्मल महतो, बिनोद बिहारी महतो के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्होंने सविता महतो के लिए क्या किया है? यह जनता अच्छी तरह से समझ रही है. सविता महतो पार्टी की जिम्मेवारी है, जिसे बखूबी निभाया जायेगा.
सविता के लिए बोर्ड-निगम की तलाश
सविता महतो को एक-दो दिनों में किसी बोर्ड निगम की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है. सूत्रों के अनुसार सविता महतो को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार घोषित करने और फिर नाम हटा लेने से झामुमो की छवि धूमिल हुई है. अब राज्य सरकार उनके लिए उपयुक्त बोर्ड निगम की तलाश कर रही है. राज्य में इस समय 35 बोर्ड निगम हैं. इनमें से अधिकांश पर या तो पहले से ही अध्यक्ष तैनात हैं या हाल ही में नियुक्त किये गये हैं. इनको हटाकर किसी अन्य को अध्यक्ष बनाना सरकार के लिए कठिन है. बताया गया कि पूर्ववर्ती सरकार में नियुक्त अध्यक्षों में से किसी को हटाकर सरकार जगह बना सकती है. कुछ बोर्ड निगम खाली भी हैं. हालांकि अधिकतर आयोग में अध्यक्ष पद की नियुक्ति के लिए न्यायिक सेवा के अधिकारियों को ही रखने का प्रावधान है. इनमें से 14 बोर्ड या निगम ऐसे हैं जहां सामान्य लोगों को नियुक्त किया जा सकता है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि सविता महतो को भले ही राज्यसभा नहीं भेजा जा रहा है, पर शीघ्र ही किसी बोर्ड-निगम का पद दिया जायेगा. झामुमो के तीन विधायकों ने भी अपना इस्तीफा सौंप कर तीन दिनों में सविता महतो पर फैसला लेने की मांग की है. सरकार में इसे लेकर विचार विमर्श चल रहा है कि सविता महतो के लिए कौन सा बोर्ड निगम उपयुक्त होगा.