रांची: बालू की कमी का असर राजधानी के विकास कार्यो पर भी दिखने लगा है. रांची नगर निगम ने 212 पीसीसी सड़कें और 46 से अधिक नालियों के निर्माण का कार्य शुरू किया है. डेढ़ माह पहले इसके लिए टेंडर निकाला था.
टेंडर फाइनल भी हो गया. पर इन पीसीसी सड़कों और नालियों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. ठेकेदार वर्क ऑर्डर लेने को तैयार ही नहीं हैं. नगर निगम ने कई बार ठेकेदारों को एग्रीमेंट के लिए बुलाया. पर वे नहीं आ रहे हैं. काम शुरू करने पर कहते हैं, अभी बालू ही नहीं मिल रहा है, तो एग्रीमेंट करने से क्या फायदा. एग्रीमेंट करने के बाद ब्लैक में बालू लेने होगा, इससे इसकी काफी कीमत चुकानी होगी. हमलोगों के लिए यह काफी महंगा होगा. ब्लैक में ऊंची कीमत पर बालू लेकर सड़क और नाली का काम कराने का मतलब है घर से पैसा लगाना.
3500 का बालू 7000 में : निगम के संवेदकों की मानें तो पहले जिस एक ट्रक बालू की कीमत 3000-3500 रुपये थी, वह ब्लैक में दोगुना से अधिक रेट पर मिल रहा है. यानी एक ट्रक बालू के लिए सात से आठ हजार रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. इसके बाद भी इसकी गारंटी नहीं है कि बालू की क्वालिटी अच्छी हो. रांची नगर निगम संवेदक संघ के अध्यक्ष राकेश चौधरी के अनुसार, फिलहाल काम शुरू करने का मतलब है अपने घर से पूंजी लगाना. हालांकि नगर निगम के अधिकार बालू की किल्लत से इनकार करते हैं. वे कहते हैं, शहर में बालू की कमी ही नहीं है.
क्या है बालू का गणित
बालू ट्रक ऑनर एसोसिएशन के सचिव मोइज अख्तर की मानें तो बालू का रेट बढ़ने के पीछे पुलिस प्रशासन की अवैध वसूली है. वाहन चालक जब रात को बालू लेकर शहर में आते हैं, तो पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मी मोटी राशि वसूलते हैं. अवैध वसूली के कारण ही बालू का रेट दोगुना से ऊपर भाग गया है.
हमलोग छोटे- मोटे ठेकेदार हैं. दो-चार लाख का काम करते हैं. पर फिलहाल काम शुरू करने पर घर से पूंजी लगा कर बालू की कीमत चुकानी पड़ेगी.
राकेश चौधरी
अध्यक्ष, रांची नगर निगम संवेदक संघ
डेढ़ माह पहले हुआ टेंडर
अब एग्रीमेंट कराने नहीं पहुंच रहे हैं ठेकेदार
ठेकेदारों ने कहा, घर से पैसे लगा कर काम करने का कोई मतलब नहीं
ब्लैक में सात से आठ हजार रुपये ट्रक मिल रहा बालू
सड़कें व नालियां नहीं बनने से हो रहा नुकसान
सड़कें नहीं बनने से दुर्घटना का खतरा
बाइलेन के ठीक नहीं होने से मुख्य सड़कों पर अधिक दबाव रहता है. मुख्य सड़कों पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है
समय और ईंधन की खपत अधिक हो रही है
नाली नहीं बनने से सड़कों पर ही गंदा पानी बह रहा है, कई इलाकों की स्थिति खराब