रांची: स्थानीय नीति की मांग को लेकर 13 वर्ष से संघर्षरत रहा, परंतु अब तक किसी भी सरकार ने ठोस निर्णय नहीं लिया. झारखंड विधानसभा के सदस्य भी इस मामले को लेकर संजीदा नहीं हैं.
इस कारण अब तक यह नीति कहीं धरातल पर उतरी नहीं है. उक्त बातें मांडर विधायक बंधु तिर्की ने सोमवार को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच द्वारा आयोजित धरने में कही. श्री तिर्की ने कहा कि स्थानीय नीति पर अब तक की सरकारें आवाज दबाती आ रही हैं. वर्तमान सरकार द्वारा अगर बजट सत्र तक स्थानीय नीति का बिल झारखंड विधानसभा से पास नहीं किया गया, तो वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
मुख्य वक्ता प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि स्थानीय नीति लागू कराने के लिए अब एक बार फिर से उलगुलान किया जायेगा. इससे पहले भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर स्थानीय नीति को लागू करने का संकल्प लिया. तत्पश्चात समाधि स्थल से राजभवन तक पैदल मार्च किया गया.