रांचीः जेएसइबी के बंटवारे का प्रस्ताव सोमवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में आयेगा. ऊर्जा विभाग द्वारा इसकी तैयारी कर ली गयी है. दिन के तीन बजे से कैबिनेट की बैठक होगी.
इधर, जेएसइबी मुख्यालय में बंटवारे के पूर्व त्रिपक्षीय समझौता के लिए यूनियनों की बैठक बुलायी गयी थी. जेएसइबी में 15 यूनियन मान्यता प्राप्त हैं, पर चार यूनियनों ने ही त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर कर बंटवारे पर अपनी सहमति दी है. अन्य यूनियनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया जाता, तब तक वो हस्ताक्षर नहीं करेंगे. हालांकि बोर्ड के अधिकारिक सूत्रों बताया कि बंटवारे के लिए यूनियन के साथ त्रिपक्षीय समझौते की बाध्यता नहीं है, इसलिए सोमवार को प्रस्ताव आयेगा.
यूनियन की मांगों पर विचार करने के लिए ही दिन के 11 बजे से बोर्ड मीटिंग बुलायी गयी है. यह आखिरी बोर्ड मीटिंग हो सकती है. रविवार को हुए त्रिपक्षीय समझौता में झारखंड पावर इंजीनियरिंग सर्विस एसोसिएशन (जेपेसा) के उपाध्यक्ष सीएल राय ने हस्ताक्षर किया है. वहीं पावर एकाउंट सर्विस एसोसिएशन की ओर से वीपी दुबे ने, डिप्लोमा अभियंता संघ की ओर से पीके जायसवाल ने व बिजली कामगार यूनियन(पतरातू) की ओर से निरंजन लाल ने हस्ताक्षर किया है.
झारखंड विद्युत सप्लाई तकनीकी संघ ने इसका विरोध किया है. दूसरी ओर जेपेसा के पूर्व महासचिव व कार्यकारिणी सदस्य एमपी यादव ने कहा कि जेपेसा के महासचिव अभी जेल में हैं. उनकी अनुपस्थिति में किसी अन्य के द्वारा हस्ताक्षर किया जाना मान्य नहीं होगा.
बोर्ड में अफसर और अनुशासन की कमी : साहू . बोर्ड के सेवानिवृत्त लेखा सहायक सुखदेव साहू ने कहा कि राज्य में बिजली की समस्या की मूल वजह पदाधिकारियों व अनुशासन की कमी है. स्टॉफ एवं लाइनमैन की भारी कमी है. थर्मल पावर और जल विद्युत केंद्र की स्थापना के उपाय नहीं किये गये हैं.