रांची: जेपीएससी नियुक्ति घोटाले में सीबीआइ की ओर से सफल परीक्षार्थियों की कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन कराये जाने पर भारी गड़बड़ी उजागर हुई है. आयोग के एक पूर्व सदस्य के करीबी रिश्तेदार का प्राप्तांक पहले के मुकाबले 50 फीसदी कम हो गया. इस बीच जेपीएससी ने सीबीआइ की ओर से कराये जा रहे पुनर्मूल्यांकनका काम रोक दिया है. इसे नियम विरुद्ध बताते हुए इसके खिलाफ न्यायिक जंग शुरू कर दी है. आशंका जतायी जा रही है कि पुनर्मूल्यांकन का काम रोक देने से जांच पूरी तरह प्रभावित हो सकती है.
हाइकोर्ट की ओर से जेपीएससी नियुक्ति घोटाले की जांच सौंपे जाने के बाद सीबीआइ ने सफल घोषित उम्मीदवारों की कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन की योजना बनायी थी.
जांच के दौरान सीबीआइ को गड़बड़ी किये जाने की सूचना विभिन्न स्नेतों से मिली थी. सूचना मिली थी कि कुछ मामलों में सुनियोजित साजिश के तहत उम्मीदवारों को अधिक नंबर दिया गया, ताकि उन्हें सफल घोषित किया जा सके.कुछ उम्मीदवारों की कॉपियों में पहले दिये गये नंबर को काट कर बढ़ाये गये. साथ ही खास किस्म के उम्मीदवारों को परीक्षा के बाद किसी खास जगह पर लिखने के लिए कॉपियां उपलब्ध करायी गयी. कुछ सफल उम्मीदवारों ने पूछताछ के दौरान सीबीआइ से कहा था कि परीक्षा के बाद उन लोगों ने अपनी कॉपियां केंद्र में जमा करा दी थी. इसके बाद अगर किसी ने कॉपी में काट-छांट की हो, तो उसके लिए वे जिम्मेवार नहीं हैं.
क्या था कोर्ट का आदेश
जांच के दौरान मिली सूचनाएं और पूछताछ के दौरान उठाये गये सवालों के मद्देनजर सीबीआइ ने गड़बड़ी पकड़ने के लिए कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन की नीति तय की. इसके लिए सक्षम अदालत में आवेदन दिया. अदालत ने सीबीआइ के आवेदन और तथ्यों पर विचार के बाद कॉपियों के पुनमरूल्यांकन की सशर्त अनुमति दी. इसके तहत सफल उम्मीदवारों की कॉपियां पुनर्मूल्यांकन सीबीआइ व जेपीएससी के अधिकारियों और एक स्वतंत्र दंडाधिकारी के समक्ष करने की बाध्यता तय की. पुनर्मूल्यांकनके लिए जेपीएससी को ही विशेषज्ञों का पैनल बनाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी. इस पैनल में उन विशेषज्ञों को शामिल करने पर पाबंदी लगायी गयी, जिन्होंने पहले कॉपियों की जांच की थी.
पहले कुछ नहीं कहा, अब विरोध
अदालत की ओर से मई 2013 में दिये गये आदेश को जेपीएससी ने पहले स्वीकार कर लिया. साथ ही निर्धारित शर्त के अनुरूप कॉपियों के पुनमरूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करायी. पहले चरण में कुल 68 कॉपियों का पुनमरूल्यांकन कराया गया. इसमें एलएसडब्ल्यू की 24, भूगोल की 20 और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की 20 कॉपियां शामिल शामिल की गयीं. पुनमरूल्यांकन के दौरान जेपीएससी के एक पूर्व सदस्य के करीबी रिश्तेदार का नंबर 50 प्रतिशत कम हो गया. इस गड़बड़ी के पकड़ में आने के बाद जेपीएससी ने पुनमरूल्यांकन का काम रोक दिया है. साथ ही अदालत में इसके विरुद्ध याचिका दायर की है. इसमें कहा है कि अदालत ने अपना आदेश देने से पहले जेपीएससी की राय नहीं मांगी. नैसर्गिक न्याय के तहत जेपीएससी से पूछा जाना चाहिए था. दूसरी बात यह कि जेपीएससी के नियमावली में कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है. इसलिए अदालत पुनर्मूल्यांकनके आदेश को वापस ले.
सफल उम्मीदवारों की कॉपियों केपुनर्मूल्यांकनमें मिले नंबर
विषय प्रथम मूल्यांकन पुनर्मूल्यांकन
एलएसडब्ल्यू 171 नंबर 146 नंबर
एलएसडब्ल्यू 154 नंबर 124 नंबर
एलएसडब्ल्यू 160 नंबर 83 नंबर
भुगोल 158 नंबर 113 नंबर
एलएसडब्ल्यू 153 नंबर 114 नंबर
एलएसडब्ल्यू 158 नंबर 120 नंबर
एलएसडब्ल्यू 150 नंबर 124 नंबर
एलएसडब्ल्यू 149 नंबर 122 नंबर
लोक प्रशासन 144 नंबर 124 नंबर
लोक प्रशासन 144 नंबर 127 नंबर
लोक प्रशासन 148 नंबर 133 नंबर
लोक प्रशासन 120 नंबर 100 नंबर