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नये विधानसभा भवन की आधारशिला अगले माह : मुख्यमंत्री

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां घोषणा की कि राज्य के नये विधानसभा भवन की आधारशिला अगले माह ही रख दी जायेगी और इसे यथाशीघ्र पूरा कर लिया जायेगा जिससे विधानसभा की कार्यवाही और विधिवत चलायी जा सके.झारखंड विधानसभा के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आज यहां अपने संबोधन में […]

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां घोषणा की कि राज्य के नये विधानसभा भवन की आधारशिला अगले माह ही रख दी जायेगी और इसे यथाशीघ्र पूरा कर लिया जायेगा जिससे विधानसभा की कार्यवाही और विधिवत चलायी जा सके.झारखंड विधानसभा के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आज यहां अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात कही.

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वह इस बात की घोषणा शिलान्यास के समय ही करते लेकिन यहां विधानसभाध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता, पूर्व विधानसभाध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह और अन्य अनेक लोगों की इस संबन्ध में आज के पुण्य अवसर पर ही घोषणा किये जाने की मांग को देखते हुए इस आशय की घोषणा कर रहे हैं.गौरतलब है कि वर्ष 2000 में तत्कालीन राजग सरकार द्वारा तीन नये राज्यों का गठन किया गया था और उसी दौरान 15 नवंबर, 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ था.

एक सप्ताह बाद 22 नवंबर, 2000 को राज्य विधानसभा की स्थापना एचईसी के एक भवन में अस्थायी तौर पर किया गया था. इसी अस्थायी व्यवस्था में राज्य की विधानसभा पिछले तेरह वर्षों से कार्यरत है जहां न तो मंत्रियों के लिए उचित कक्ष है और न ही विधायकों के लिए कक्ष की व्यवस्था है.अर्जुन मुंडा की पिछली सरकार ने भी नये विधानसभा भवन के लिए स्थान के चयन और आधारशिला रखने की घोषणा की थी लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी थी. राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी 14 दिसंबर से प्रारंभ होने की संभावना है.

हेम्ब्रम सर्वश्रेष्ठ विधायक

झारखंड विधानसभा में साहिबगंज जिले के बोड़ियो विधानसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम को आज यहां सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.झारखंड विधानसभा के चौदहवें स्थापना दिवस पर आज झारखंड के राज्यपाल डा सैयद अहमद ने साहिबगंज के बोड़ियो विधानसभा क्षेत्र से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम को सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया. राज्यपाल ने सम्मान स्वरुप हेंब्रम को 51 हजार रुपये का पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्रम भेंट किया.

अट्ठावन वर्षीय हेंब्रम ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने पुरस्कार की राशि राज्य की एक अनाथ चक्षुविहीन तीन वर्षीय बालिका सुमित्र मुमरू को समर्पित कर दी.हेंब्रम ने बालिका के नाम यह राशि एफडी करने और उसके जीवन भर का खर्च उठाने की घोषणा की. बाद में पत्रकारों से बातचीत में हेंब्रम ने कहा कि उक्त अबोध बालिका की सिर्फ माता जीवित थी और हाल में उनका भी स्वर्गवास हो गया है जिसके बाद ही उन्होंने उसे गोद लेने का निर्णय लिया.

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