रांची: जेल के बाहर अपराध करनेवाले अपराधी जेल के अंदर भी आतंक कायम का माहौल कायम रखते हैं. जेल चाहे झारखंड की हो या बिहार की, अपराधियों को फर्क नहीं पड़ता. सभी जगह एक जैसी स्थिति है.
अपराधी आसानी से जेल के भीतर रहते हुए भी बाहर की दुनिया में दखल देते हैं. इसमें जेल प्रशासन की मिलीभगत रहती है. जेल प्रशासन की विफलता इसी बात से साबित होती है कि जेल के भीतर अपराधियों में वर्चस्व की लड़ाई चलती है. अनिल शर्मा, सुरेंद्र बंगाली, अखिलेश सिंह, रामा सिंह, चंदन सोनार जैसे कई नामचीन अपराधी हैं, जो जेल के भीतर भी रह कर ठेका मैनेज करते हैं. ठेकेदारों से रंगदारी वसूलते हैं.
भोमा की हो चुकी है हत्या
अनिल शर्मा ने रांची जेल में भोमा सिंह की हत्या कर दी थी. उसने ब्लेड से उसके गर्दन काट डाले थे. इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई है. अनिल शर्मा वर्ष 2010 में खुद को बीमार बता रिम्स से फरार हो गया था. गिरफ्तारी के बाद उसे हजारीबाग जेल में रखा गया. उसने पिछले वर्ष भी मारपीट की थी, जिसमें वह जख्मी हो गया था.
अनिल शर्मा ने दर्ज करायी प्राथमिकी
हाजीपुर/रांची: हाजीपुर मंडल कारा में हुई कैदी राम बालक राय की हत्या और मारपीट के मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. बुधवार की देर रात आइजी ऑपरेशन आनंद किशोर मंडल कारा पहुंचे और जांच शुरू कर दी.
उधर, हमले में गंभीर रूप से घायल कैदी अनिल शर्मा, चिंता सिंह एवं अन्य का इलाज पीएमसीएच में जारी है. पुलिस के अनुसार कैदियों की सेहत में सुधार हो रहा है. मालूम हो कि कैदी राम बालक राय की मौत मंडल कारा के वार्ड संख्या 3/4 में हुई थी. पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट में उसकी गला दबा कर हत्या किये जाने की पुष्टि किये जाने के बाद कारा में कैदियों के बीच आक्रोश भड़क गया था.
हमले में एक दर्जन कैदी घायल हो गये, जिसमें छह को गंभीर चोटें आयीं. हाजीपुर सदर के थानेदार विजय महतो के बयान पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. धारा 302, 120 बी के तहत दर्ज इस मामले में वार्ड संख्या 3/4 के 21 कैदियों को अभियुक्त बनाया गया है. सहायक कारा अधीक्षक विपिन सिंह ने अलग से प्राथमिकी दर्ज करायी है. वहीं कैदी अनिल शर्मा के बयान पर तीसरी प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में पंकज ठाकुर, रंजन, गोलू, नित्यानंद, पिंकू आदि को अभियुक्त बनाया गया है.