रांची: सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्रियों ने संगठन की मुसीबत बढ़ा दी है. शिक्षा मंत्री गीता श्री के उरांव के बयान से पार्टी उलझन में है. पार्टी के अंदर ही शिक्षा मंत्री का बयान तूल पकड़ रहा है. भोजपुरी भाषा को लेकर शिक्षा मंत्री की बयानबाजी से पलामू-धनबाद सहित दूसरे इलाके में काम करने वाले कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है. प्रदेश नेतृत्व भी मंत्रियों की बयानबाजी से चिंतित है.
प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने मंगलवार को दिल्ली में प्रभारी बीके हरि प्रसाद से बात की. मंत्रियों की बयानबाजी की जानकारी प्रदेश प्रभारी को दी. इधर धनबाद -पलामू सहित कई इलाकों के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष से मंत्री के बयान के बाद संगठन के कामकाज में होने वाली परेशानी से अवगत कराया. कार्यकर्ताओं-नेताओं ने मंत्रियों की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचायी है. नेताओं का कहना है कि पार्टी के मंत्री क्षेत्रीय दलों के नेताओं की तरह व्यवहार कर रहे हैं.
इससे जनाधार वाले इलाके में कामकाज पर असर पड़ेगा. मालूम हो कि इससे पूर्व शिक्षा मंत्री स्थानीयता को लेकर दिये गये बयान के बाद विवादों में घिरी थीं. तब मंत्री ने कहा था कि स्थानीयता नीति तय करने के बाद ही नयी नियुक्ति होगी.
योगेंद्र साव
मंत्री बनने के बाद योगेंद्र साव ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में विवादास्पद बयान दिया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित दूसरे नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री बनने के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ा. इसके बाद मंत्री ने बयान दिया कि सोनिया गांधी जिसे चाहें, मंत्री बना सकती हैं. पूर्व मुख्य सचिव एसके चौधरी का घर उन्हें आवंटित किया गया है. इस घर में जाने के लिए गांधीगिरी की.
ददई दुबे
ग्रामीण विकास विभाग में मुख्यमंत्री सेतु, एनआरइपी और विशेष प्रमंडल को शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं. मनपसंद सचिव के लिए सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया. मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करते हैं कि अफसरों पर लगाम नहीं लगा सके. सरकार के खिलाफ टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं.
मंत्री बयानबाजी से परहेज करें
गीताश्री के बयान मीडिया में आये हैं. इस मुद्दे पर प्रभारी बीके हरि प्रसाद से बात होगी. मंत्रियों को बयानबाजी से परहेज करना चाहिए. मैं गीताश्री से भी इस मुद्दे पर बात करूंगा. मंत्री से बातचीत के बाद ही यह मामला साफ होगा. सुखदेव भगत