-फैसले के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट : तेजस्वी-
-भाजपा ने किया फैसले का स्वागत-
रांची : सीबीआई की विशेष अदालत ने यहां 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और जदयू सांसद जगदीश शर्मा समेत सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया. इस फैसले से उच्चतम न्यायालय के हाल में आये एक आदेश के चलते लालू और शर्मा की संसद सदस्यता समाप्त हो जाने की आशंका है.
चारा घोटाला:चाईबासा खजाना मामले के घटनाक्रम
अदालत ने यह फैसला चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37 7 करोड़ रुपये निकालने के मामले में सुनाया है. सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराये गये लोगों में से आठ को आज ही तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुना दी, जबकि शेष अन्य को 3 अक्तूबर को सजा सुनायी जायेगी. आज सजा पाने वाले राजनीतिज्ञ विद्यासागर निषाद, ध्रुव भगत, पूर्व आईएएस के मुरुगुगम समेत सभी आठ लोगों को अदालत ने अस्थाई जमानत दे दी, लेकिन लालू सहित अन्य 34 को होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल भेज दिया. दोषी ठहराये गये तीन अन्य लोग आज अदालत नहीं आये थे.
इस मामले के 56 आरोपियों में से जीवित बचे और अदालती कार्रवाई का सामना करने वाले सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया गया. अदालत ने जहां आठ दोषियों को तीन वर्ष कैद और पचास हजार रुपये से लेकर पचास लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई, वहीं शेष 37 दोषियों को तीन वर्ष से अधिक की सजा सुनाई जा सकती है. इन 37 लोगों में से बीमारी के चलते तीन लोग आज अदालत नहीं पहुंचे थे.
तीन वर्ष कैद की सजा पाने वाले आठ लोगों को अदालत ने उच्च न्यायालय में अपील के लिए एक माह की औपबंधिक जमानत देकर रिहा कर दिया.शेष 37 लोगों की सजा की अवधि पर तीन अक्तूबर को बहस होगी और उसी दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इन सभी को जेल में ही सजा सुना दी जायेगी.
अदालत से जेल जाते समय राजद मुखिया लालू प्रसाद और उनके साथ अदालत से बाहर निकले उनके छोटे पुत्र तेजस्वी ने मीडिया से कोई बात नहीं की और वे रुआंसे दिखायी दिये. राजद के सैकड़ों समर्थकों में भी भारी मायूसी छा गयी.
तेजस्वी ने कहा,‘पापा’ को फंसाया गया है
लालू को सजा सुनाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी पार्टी के दो सांसदों पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह और प्रभुनाथ सिंह ने अदालत परिसर में कहा कि उन्हें फैसले से गहरा दुख हुआ है, लेकिन अदालत के निर्णय पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, कोई यही अंतिम अदालत नहीं है. ऊपर की अदालत में हम अपील करेंगे और लालू जी बहुत जल्द जेल से जमानत लेकर बाहर आ जायेंगे. हमें अभी भी विश्वास है कि लालू जी को उच्च न्यायालय से अवश्य न्याय मिलेगा. पार्टी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, पार्टी के कार्यकर्ता एकजुट हैं और पार्टी चलेगी. इसमें कोई कठिनाई नहीं होगी. वास्तव में लालू जी गये ही हैं जेल कितने दिनों के लिए ?
लालू को सजा सुनाये जाने पर राजद के ही सांसद प्रभुनाथ सिंह ने कहा, लालू को आपने पिछली बार चारा घोटाले में ही जेल जाते हुए नहीं देखा था? उन्होंने जेल से ही बिहार की सरकार चलायी तो क्या जेल से वह पार्टी नहीं चला सकेंगे ? लालू को सुरक्षा कारणों से उनकी ही एंबेसेडर गाड़ी से बिरसामुंडा जेल भेज दिया गया, जबकि जदयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 33 अन्य लोगों को कैदियों के वाहन से जेल भेजा गया.
सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, राजनीतिक नेता और बिहार विधानसभा के लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, पूर्व आईएएस अधिकारी और बिहार के तत्कालीन श्रम सचिव के अरुमुगम एवं पांच चारा आपूर्तिकर्ताओं सुनील सिन्हा, राजेश वर्मा, विमला शर्मा, मधु मेहता और शिव कुमारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और 420, 409, 467, 468, 471 और 477 ए तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के साथ 13 (1) सी एवं डी के तहत दोषी करार देते हुए तीन -तीन वर्ष की कैद की सजा सुनायी.
कैद के अलावा अदालत ने चारा आपूर्तिकर्ता विमला शर्मा पर सर्वाधिक पचास लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि विद्यासागर निषाद पर एक लाख रुपये, ध्रुव भगत पर एक लाख रुपये, आईएएस अरुमुगम पर एक लाख रुपये, आपूर्तिकर्ताओं सुनील सिन्हा पर पचास हजार रुपये, राजेश वर्मा पर तीन लाख रुपये, मधु मेहता पर पांच लाख रुपये और शिव कुमारी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
अदालत ने विद्यासागर निषाद को दस-दस हजार रुपये की दो जमानतों पर तथा अन्य सात को भी इसी तरह दो -दो जमानतों पर एक माह के लिए औपबंधिक जमानत दे दी है.
इस मामले में तीन अन्य आईएएस अधिकारियों बिहार के पूर्व विकास आयुक्त फूलचंद्र सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव महेश प्रसाद और पूर्व पशुपालन सचिव बेक जूलियस को भी आज तीन वर्ष से अधिक की सजा पाने की श्रेणी में होने की वजह से जेल भेज दिया गया.
जदयू सांसद जगदीश शर्मा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और लालू के पूर्व मंत्री आरके राणा को भी आज दोषी करार दिये जाने के बाद जेल भेज दिया गया.
लालू प्रसाद आज का फैसला सुनने के लिए अपने लाव लश्कर के साथ कल शाम पटना से विमान के जरिये रांची पहुंचे थे. इस मामले में लालू के वकील सुरेंद्र सिंह ने नौ सितंबर को अपनी अंतिम बहस शुरू की थी. बहस के अंतिम दिन 17 सितंबर को भी वकील ने दावा किया था कि बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति राज्यपाल ने असंवैधानिक ढंग से दी थी और इसके लिए उन्होंने बिहार मंत्रिपरिषद् से सलाह नहीं ली थी.
उन्होंने दावा किया था कि इस मामले में चूंकि लालू के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति ही गलत ढंग से दी गयी थी, अत: उनके खिलाफ पूरा अभियोजन ही अवैध है.दूसरी ओर, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लालू के इस दावे को खारिज करते हुए दलील दी थी कि बिहार के तत्कालीन राज्यपाल ने इस मामले में अभियोजन की जो स्वीकृति दी थी, वह बिल्कुल वैध थी और इसके लिए मंत्रिपरिषद् से सलाह लेना जरूरी नहीं था.
जेल ले जाये गये लालू प्रसाद
यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को आज जेल ले जाया गया. लालू (65) को यहां की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाया गया.
मामले में आठ लोगों को आज ही तीन-तीन साल कैद की सजा सुना दी गयी, जबकि लालू, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र तथा अन्य को अदालत 3 अक्तूबर को सजा सुनायेगी.
प्रवास कुमार सिंह की अदालत ने लालू के अतिरिक्त मिश्र, छह राजनीतिज्ञों और चार आईएएस अधिकारियों सहित 44 अन्य को चाईबासा कोषागार से फर्जी तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के मामले में दोषी ठहराया.
आज जिन आठ लोगों को सजा सुनाई गई, उनमें आईएएस अधिकारी के. अरमुगम, पूर्व पशु पालन विभाग और श्रम मंत्री विद्या सागर निषाद तथा पूर्व विधायक ध्रुवभगत और पांच चारा आपूर्तिकर्ता शामिल हैं.
इसके पूर्व सफेद एंबेसडर कार से अदालत पहुंचे लालू सहज नजर आए और पार्टी समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. जब न्यायाधीश ने उनके खिलाफ फैसला पढ़ना शुरु किया तो लालू अदालत कक्ष में दूसरी पंक्ति में बैठे थे. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी ठहराए जाने के साथ ही उनके सामने सांसद के रुप में अयोग्य होने का खतरा पैदा हो गया है. इसके साथ ही इस बात का भी खतरा पैदा हो गया है कि वह कम से कम छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाया गया.
उच्चतम न्यायालय के हाल में आए फैसले के मद्देनजर राजद प्रमुख के सामने लोकसभा सदस्य के रुप में अयोग्य ठहराए जाने का तत्काल खतरा पैदा हो गया है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अदालत द्वारा दो साल या इससे अधिक की सजा वाले किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है तो वह तत्काल अयोग्य माना जायेगा.
सांसद के रूप में अयोग्यता का खतरा
चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी ठहराये जाने से उनके सामने सांसद के रूप में अयोग्य होने का खतरा पैदा हो गया है. इसके साथ ही इस बात का भी खतरा पैदा हो गया है कि वह कम से कम छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह की अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के मामले में लालू के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, छह राजनीतिज्ञों और चार आईएएस अधिकारियों सहित 44 अन्य आरोपियों को भी दोषी ठहराया. अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ले जाया गया.
अदालत ने हालांकि इस मामले के दोषी करार दिए गए आठ लोगों को आज ही तीन तीन साल की कैद और जुर्माने की सजा सुना दी जबकि लालू और मिश्रा सहित अन्य 37 दोषियों को सजा सुनाने के लिए 3 अक्तूबर की तारीख निर्धारित की है.
उच्चतम न्यायालय के हाल में आए फैसले के मद्देनजर राजद प्रमुख के सामने लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने का तत्काल खतरा पैदा हो गया है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अदालत द्वारा दो साल या इससे अधिक की सजा वाले किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है तो वह तत्काल अयोग्य माना जायेगा.
सजा के पहले लालू और जगन्नाथ कर रहे थे हनुमान चालीसा का पाठ
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में जो लूट की छूट दी गयी थी, उसके खिलाफ कोर्ट ने प्रशंसनीय निर्णय किया है.लालू की सजा पर कल कोर्ट में बहस होगी. उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. अब तीन अक्तूबर को उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सजा सुनायी जायेगी. सजा सुनाये जाने के बाद वे अगला चुनाव नहीं लड पायेंगे.
चारा घोटाला मामले में लालू दोषी, विरोधियों और समर्थकों की राय
लालू प्रसाद व जगन्नाथ मिश्र सहित 45 आरोपितों के मामले में सोमवार को फैसला सुनाया जायेगा. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिंह आरसी 20ए/96 में फैसला सुनायेंगे. प्राथमिकी दर्ज होने के करीब 17 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया जायेगा. चारा घोटाले का यह एक ऐसा मामला है, जिसमें छह राजनीतिज्ञ, चार आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, आठ पशुपालन व एक ट्रेजरी अफसर और 25 सप्लायरों ने न्यायिक प्रक्रिया का सामना किया है.
56 के खिलाफ आरोपपत्र
चारा घोटाले के सिलसिले में चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के कुल तीन प्राथमिकियां दर्ज करायी थीं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआइ को जांच सौंपे जाने के बाद चाईबासा थाना कांड संख्या 12/96 को सीबीआइ ने आरसी 20ए/96 का नाम दिया. सीबीआइ ने इस मामले की जांच के बाद कुल 56 लोगों के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया. मामले की सुनवाई के दौरान ही सात आरोपितों की मौत हो गयी. मरनेवालों में दो मंत्री ( भोला राम तुफानी, चंद्रदेव प्रसाद वर्मा), तीन अधिकारी( श्याम बिहारी सिन्हा, दुबराज दरोई, रामराज राम) और दो सप्लायर (हरीश खंडेलवाल, परेश कुंडू) हैं.
अपराध कबूला
मामले की सुनवाई के दौरान ही सप्लायर पीके जायसवाल ने अपना अपराध कबूल कर लिया था. इस मामले में सजा काटने के दौरान ही जेल में उसकी मौत हो गयी. आरोपित बनाये गये पांच आइएएस अधिकारियों में से सजल चक्रवर्ती को झारखंड हाइकोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया है. दो आरोपितों ( आरके दास, दीपेश चांडक) को सरकारी गवाह बनाया. इस तरह इस मामले में कुल 45 आरोपितों ने न्यायिक प्रक्रिया का सामना किया. चांडक को सरकारी गवाह बनाये जाने के बाद
कई स्तर पर विरोध हुआ था, क्योंकि उसे बड़े सप्लायर के रुप में चिह्न्ति किया गया था. बाद में हर स्तर पर सीबीआइ के इस तर्क को स्वीकार कर लिया गया कि अपराध साबित करने के लिए बड़े सप्लायर को सरकारी गवाह बनाया गया.
साक्ष्य के तौर पर 18 बक्सा दस्तावेज
सीबीआइ ने मामले की जांच के बाद सभी आरोपितों पर लगाये गये आरोपों को साबित करने के लिए अदालत में तसवीरें और दस्तावेज साक्ष्य के रूप में जमा कराया. सीबीआइ की ओर से साक्ष्य के रुप में कुल 60 हजार पन्ने अदालत में जमा कराये गये थे. इसके अलावा अभियुक्तों ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अलग-अलग दस्तावेज जमा कराये थे. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की ओर से अपने बचाव में दस्तावेज के अलावा 210 पृष्टों का लिखित पक्ष भी पेश किया गया है.
एक सप्ताह बेकन फैक्टरी में बंद थे लालू प्रसाद
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एक सप्ताह तक बेकन फैक्टरी में बंद करके रखे गये थे. वर्ष 2001 में चारा घोटाले के मामले आरएसी 47ए/96 की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद लगभग तीन महीनों जेल में रहे थे. 26 नवंबर, 2001 को मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश हरिचंद्र मिश्र की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कांके स्थित बेकन फैक्टरी को कैंप जेल बनाने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था. तीन दिसंबर, 2001 तक लालू बेकन फैक्टरी में बनाये गये कैंप जेल में रहे. तीन दिसंबर को ही अदालत ने उनको पटना स्थित बेऊर जेल भेजने की अनुमति दे दी थी.
कुल देवता व गायों की पूजा कर निकले रांची
नहा-धोकर निकले, कुल देवता की पूजा की और लालू प्रसाद निकल पड़े रांची की ओर. चारा घोटाले के मामले 20 ए / 96 में सोमवार को विशेष अदालत का फैसला आना है. भीड़ से बचते हुए 11 बजे वह दानापुर के नया टोला स्थित कृष्ण गौशाला पहुंचे, जहां काफी देर तक पूजा-अर्चना की. वहां से वह हवाई अड्डा पहुंचे और इंडिगो के विमान से बेटे तेजस्वी के साथ रांची के लिए रवाना हुए. कानूनी प्रावधान के अनुसार, लालू प्रसाद को फैसला सुनाते समय कोर्ट में मौजूद रहना है. रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में लालू समेत सभी आरोपितों की मौजूदगी में विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह निर्णय सुनायेंगे.
पटना हाइकोर्ट ने 1996 मे चारा घोटाले के सभी मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी थी. सीबीआइ ने आरोपपत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के भी नाम जोड़े.