रांची: रांची विवि में बेटी की शादी के लिए कर्मचारियों को छह माह का एडवांस वेतन देने के प्रस्ताव को सीनेट ने खारिज कर दिया. सिंडिकेट में इस आशय का निर्णय लिया था, जिसे सदस्यों ने नियम विरुद्ध बताया. उनके विरोध के बाद विवि प्रशासन को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा.
इसी प्रकार पिछले दीक्षांत समारोह में डिग्री पर कुलपति के डिजिटल हस्ताक्षर पर भी सवाल उठाये गये. इस डिग्री की वैधता पर सीनेट सदस्य पूर्व कुलपति डॉ एए खान. डॉ केके नाग, डॉ एसएस कुशवाहा व उच्चशिक्षा निदेशक डीएन ओझा, पूर्व निदेशक बीबी सिंह द्वारा विरोध जताया गया. इसके बाद विवि प्रशासन ने सभी वितरित डिग्रियों को वापस लेने व कुलपति के स्वयं के हस्ताक्षरयुक्त डिग्री देने का निर्णय लिया गया.
कुलपति डॉ एलएन भगत की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित सीनेट की बैठक में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति, पद सृजन व नौ भाषाओं के लिए अलग-अलग विभाग खोले जाने के मुद्दे पर हंगामा हुआ. सदस्य शिवशंकर उरांव द्वारा उठाये गये इस प्रश्न के समर्थन में रामचंद्र नायक, प्रतुल शाहदेव, ब्रजेश कुमार, भीम प्रभाकर, दिनेश उरांव, राम किशोर भगत, पवन साहु ने शर्त रखी कि जब तक सीनेट में निर्णय नहीं हो जाता वे अपनी सीट पर नहीं बैठेंगे. शिवशंकर उरांव की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर प्रॉक्टर डॉ दिवाकर मिंज को भी शामिल किया गया. अध्यक्ष को अन्य सदस्यों के मनोनयन का अधिकार दिया गया. एक माह के अंदर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया. बैठक में गुमला में मॉडल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी गयी. बैठक में शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, जयप्रकाश भाई पटेल, सरफराज अहमद, दिनेश उरांव, रामचंद्र नायक, एसएस कुशवाहा, एए खान व अन्य उपस्थित थे.
टुसुमोनी को नि:शुल्क पढायेगा विवि त्नआईए की टॉपर टुसुमोनी के हॉस्टल का खर्च, फीस, व भोजन का खर्च विश्वविद्यालय वहन करेगा. सीनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. वह रांची विवि में बीए की छात्र है. एमसीआई प्रतिनिधि के रूप में डीन मेडिकल डॉ एस एन चौधरी के मनोनयन को स्वीकृति दी गयी.