झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, अभी जेल में हैं. उन पर उग्रवादी संगठन बनाने और उग्रवादियों को हथियार उपलब्ध कराने का आरोप है. योगेंद्र साव जब मंत्री थे, तब भी अपनी हरकतों से चर्चित रहे. जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में क्रिकेट मैच के दौरान अपने समर्थकों को लेकर अति सुरक्षित गैलरी में चले गये थे. खिलाड़ियों के परिवार के लोगों के बैठने की जगह पर खुद बैठ गये थे. जब उन्हें रोका गया, तो तत्कालीन एसएसपी साकेत कुमार से लड़ गये और सरकार से शिकायत की. यही नहीं साकेत कुमार को एसएसपी पद के हटवा दिया. यही नहीं उनके कहने पर सरकार ने आइजी आरके मल्लिक और साकेत कुमार के खिलाफ जांच आयोग का गठन कर दिया.
सुरजीत सिंह, रांची
धुर्वा स्थित जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में क्रिकेट मैच के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के साथ कथित रूप से हुए र्दुव्यवहार के मामले में गठित न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. गृह सचिव एनएन पांडेय ने बताया कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में मिली है, जिसकी समीक्षा की जा रही है. समीक्षा के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी.
रिपोर्ट के बारे में सूत्रों ने बताया कि जांच आयोग ने आइजी आरके मल्लिक और पूर्व एसएसपी साकेत कुमार सिंह को क्लीन चिट दी है. साथ ही पूर्व मंत्री के समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की है. जांच में यह पाया गया है कि मंत्री के पास दो या चार पास ही थे. जबकि मंत्री के साथ इससे अधिक लोग गैलरी में प्रवेश कर गये थे. इसके अलावा मंत्री का अंगरक्षक भी हथियार लेकर अति सुरक्षित गैलरी में चला गया था. इसके बाद एसएसपी ने धुर्वा पुलिस को बुलाकर मंत्री के अंगरक्षक को थाने भेजवा दिया था. जांच रिपोर्ट में पूर्व मंत्री के उस आरोप के भी प्रमाण नहीं मिले हैं, जिसमें कहा गया था आइजी श्री मल्लिक और एसएसपी साकेत कुमार सिंह ने साजिश रच कर उन्हें बेइज्जत किया. रिपोर्ट के मुताबिक, योगेंद्र साव वहां पहुंचने वाले थे, इस बात की जानकारी न तो आइजी को थी और न ही एसएसपी को. न ही योगेंद्र साव की आइजी या एसएसपी से कोई बात ही हुई थी.
क्या थी घटना
वर्ष 2013 में जेएससीए स्टेडियम में क्रिकेट मैच चल रहा था. मैच के दौरान तत्कालीन मंत्री योगेंद्र साव अपने समर्थकों और अंगरक्षक के साथ स्टेडियम के वीवीआइपी गैलरी में पहुंच गये. जिस वक्त मंत्री पहुंचे, उस वक्त खिलाड़ियों के परिवार के लोगों के बैठने की जगह खाली थी. मंत्री, उनके अंगरक्षक व समर्थक उन सीटों पर बैठ गये. जब खिलाड़ियों के परिवार के लोग पहुंचे, तो उन्हें बैठने की जगह नहीं मिली. आयोजन समिति के लोगों ने जब मंत्री को दूसरी जगह बैठने के लिए कहा, तो वे भड़क गये. इसके बाद तत्कालीन एसएसपी साकेत कुमार सिंह वहां पहुंचे. तब मंत्री के अंगरक्षक ने उनसे बहस की, जिसके बाद एसएसपी ने उसे सस्पेंड कर दिया था.