रांची: राजधानी में हरे शीशे के महल के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला समाहरणालय भवन की सफाई व्यवस्था बदहाल है. भवन के हर फ्लोर पर यहां अधिकारियों के कार्यालय हैं, परंतु हर फ्लोर का बुरा हाल है. पान खाने वालों ने यहां दीवार से लेकर खंभे तक पर अपनी छाप छोड़ रखी है.
भवन में प्रवेश करने के साथ ही यहां ग्राउंड फ्लोर पर ही सीओ सहित समाज कल्याण पदाधिकारी का कार्यालय है, परंतु यहां दीवारों पर थूक-थूक कर उसे बदरंग कर दिया गया है. भवन के बेसमेंट की हालत तो और भी खराब है. यहां धूल व थूक की मोटी परत जमी हुई है. बेसमेंट में सिपेज होने से जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है जो पिछले कई सालों से इसी हाल में है.
सीढ़ी के कोने का रंग किया लाल
भवन की दीवारों पर कोई यहां वहां न थूके, इसके लिए सीढ़ी के हर कोने पर जिला प्रशासन द्वारा भगवान व देवी देवताओं की मूर्ति लगायी गयी थी. परंतु लोगों ने इन देवी देवताओं की तसवीरों को भी गंदा कर दिया. थक हारकर जिला प्रशासन ने इन तसवीरों को वहां से हटा दिया. अब सीढ़ी के कोने को ही गेरुआ रंग से रंग दिया गया है, ताकि पान खाकर थूकने के बाद इस स्थल पर कोई असर नहीं पड़े.
लिफ्ट के बगलवाले कमरे को बनाया कबाड़खाना
पांच मंजिला इस भवन में चार लिफ्ट लगाये गये हैं. लिफ्ट के बगल वाले रूम को कंट्रोल रूम (बिजली का सारा कनेक्शन) बनाया गया है. परंतु इस रूम की हालत कबाड़खाने में तबदील हो गयी है. हर शाखा के रद्दी कागज को फाड़ कर इस कंट्रोल रूम में ही फेंक दिया जाता है. इतना ही नहीं, इस रूम का इस्तेमाल कचरा डंप करने के लिए भी किया जा रहा है. हर आने जानेवाले सरेआम इस जगह का इस्तेमाह कचरे फेंकने के लिए करते हैं. न कोई बोलनेवाला है न इस पर नजर रखनेवाला ही कोई है. कुल मिलाकर यह जगह गंदगी का भंडार बन गयी है.
सीसीटीवी केवल दिखावे के लिए
भवन में दीवारों पर जगह-जगह यह लिखा गया है कि आप पर सीसीटीवी कैमरे की नजर में हैं. परंतु यह कैमरा कहां लगा है किसी को पता नहीं है, न ही उसका कोई कंट्रोल रूम है. आज तक भवन की सूरत खराब करने वाले एक भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है. सरे आम लोग इस कार्यालय के कोने में थूकते नजर आते हैं. न इनको कोई बोलनेवाला है न नजर रखनेवाला.