रांची: तारा शाहदेव मामले की सीबीआइ जांच होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार रात इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा : इस केस में कई लोगों के नाम आ रहे हैं. कई बड़ी बातें सामने आयी हैं. इसे देखते हुए सरकार ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला लिया है. तारा शाहदेव की भी यही इच्छा है.
अधिकारियों के साथ किया विमर्श : मुख्यमंत्री ने दुमका से लौटने के बाद सबसे पहले तारा शाहदेव से मिलने की इच्छा जतायी. इसके बाद तारा शाहदेव अपने भाई के साथ मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गयी. दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बात हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर मामले की सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया.
रकीबुल की शादी:पुलिसवाला चला रहा था गाड़ी, डीएसपी उड़ा रहे थे पैसे
कई लोगों के नाम आ रहे हैं : मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया : मामले की जितनी बेहतर जांच हो सकती थी, सरकार अपने स्तर से करा रही थी. पर कई लोगों के नाम आने के बाद सीबीआइ जांच का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा : प्रशासन ने मुस्तैदी के साथ केस में काम किया. अभियुक्त को गिरफ्तार किया. पर जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, इससे केस की संवेदनशीलता बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा : मैंने खुद तारा से बात की. तारा ने निष्पक्ष जांच कराने की मंशा जाहिर की.
तारा के खेल कैरियर का ध्यान रखेगी सरकार : उन्होंने कहा : तारा ने मुलाकात के दौरान कहा कि उसका खेल के प्रति रुझान है. वह शूटिंग में वापस आना चाहती है. प्रतियोगिता के लिए प्रैक्टिस करना चाहती है. इस प्रतिभा को और निखारने का काम किया जायेगा. तारा एक मजबूत और निडर खिलाड़ी बन कर आगे आये और देश के सामन उदाहरण पेश करे. सरकार भी यही चाहती है. तारा की तैयारी में सरकार पूरा सहयोग करेगी.
रोहित उर्फ ‘सरकार’ भेजता था पैसे
रांची: रंजीत उर्फ रकीबुल हसन के एकाउंट में रोहित के एकाउंट से लाखों रुपये ट्रांसफर होते थे. रोहित का रांची के अरगोड़ा चौक पर और हजारीबाग में कंप्यूटर का कारोबार है. रोहित किस काम के बादले रंजीत कोहली के बैंक खाते में लाखों रुपये जमा करता रहा है, इसका खुलासा जांच के बाद ही होगा. जानकारी के अनुसार, रोहित ही वह व्यक्ति है, जिसे रंजीत कोहली ‘ सरकार’ के नाम से संबोधित करता था. तारा शाहदेव ने अपने बयान में बताया था कि रंजीत कोहली देर रात को मोबाइल से किसी से बात करता था. वह जिस व्यक्ति से बार-बार बात करता था, उसे ‘ सरकार ’ कह कर संबोधित करता था.
शादी में था सक्रिय
रंजीत कोहली और तारा शाहदेव की शादी में रोहित उर्फ सरकार काफी सक्रिय था. शादी में की गयी वीडियो रिकॉर्डिग में यह देखा जा सकता है. रंजीत की बारात निकलने से पहले पार्किग में वह रोहित को सरकार कह कर संबोधित करता हुआ दिख रहा है. रोहित वही व्यक्ति है, जो तारा शाहदेव का मामला सामने आने के बाद 24 अगस्त की रात रंजीत कोहली का लिखित पक्ष लेकर मीडिया के दफ्तरों में गया था. रंजीत कोहली के बैंक खाते में रोहित के अलावा कई और कंपनियों और लोगों के खाते से पैसे आते थे.
दूसरी एजेंसी से जांच कराने के लिए स्वतंत्र है तारा: एसएसपी
रांची. रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल की भूमिका पर पुलिस की जांच से असंतुष्ट तारा शाहदेव से मिलने शुक्रवार को एसएसपी प्रभात कुमार उसके घर पर पहुंचे. एसएसपी ने तारा शाहदेव से पूछा: आप को पुलिस की जांच पर भरोसा क्यों नहीं है. इस पर तारा शाहदेव ने एसएसपी से कहा, आप पर भरोसा है, लेकिन मामले में बड़े लोग शामिल हैं. वरीय पुलिस अधिकारियों का जब दबाव बढ़ेगा, तब पुलिस की जांच भटक सकती है. इस पर एसएसपी ने तारा शाहदेव से कहा: वह मामले की जांच किसी दूसरे एजेंसी से कराने के लिए स्वतंत्र हैं. इसके लिए वह न्यायालय या सरकार से अनुरोध कर सकती हैं. एसएसपी ने यह भी बताया कि रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से मुस्ताक अहमद की भूमिका के संबंध में पूछताछ की जा रही है. अगर तारा शाहदेव प्रकरण में मुस्ताक अहमद की भूमिका के संबंधित कोई तथ्य या साक्ष्य पुलिस को मिलता है, तब पुलिस मुस्ताक अहमद को भी गिरफ्तार कर सकती है. पत्रकारों ने जब एसएसपी से यह पूछा कि कहीं रंजीत सिंह कोहली ने सोची-समझी साजिश के तहत तारा शाहदेव के साथ पहले शादी, फिर उससे निकाह तो नहीं किया. यह लव-जेहाद का मामला तो नहीं, इस पर एसएसपी ने कहा इसकी जांच होगी.
2016 ओलंपिक मेरा व मेरी मां का सपना: तारा शाहदेव
निशोनबाज तारा शाहदेव ने कहा कि 2016 ओलंपिक मेरा और मेरी स्वर्गीय मां का सपना था. मैं उसमें जरूर हिस्सा लूंगी. शूटिंग मेरा जुनून है. 11 सितंबर से होनेवाली शूटिंग प्रतियोगिता मैं भाग लूंगी. तारा ने कहा: चिकित्सक ने उसे कहा है कि सात दिनों में वह ठीक हो जायेगी. उसके बाद वहं प्रैक्टिस कर सकती है. तारा के अनुसार पिटाई के कारण उसके स्पाइनल कोर्ड (मेरू दंड) में दर्द है. पेट में भी सूजन हो गया है.
विदेशी करेंसी
तारा ने बताया: रंजीत के घर विदेशी करेंसी आती थी. एक दिन जब अचानक दूसरे कमरे में मैं घुसी, तो वहां एक बैग में करेंसी थी. उस करेंसी का रंग अपने देश की करेंसी से अलग था. जब मैं कमरे में गयी, तो तुरंत मुङो उस कमरे से बाहर निकाल दिया गया. उसके बाद उन करेंसी का क्या हुआ, मुङो पता नहीं. जब रुपयों से भरा बैग आता था, तो दरवाजा स्वयं रंजीत या उसकी मां खोलती थी.
रंजीत से मुआवजा नहीं, इंसाफ चाहिए
एक प्रश्न के उत्तर में तारा ने कहा कि उसे रंजीत से मुआवजा नहीं चाहिए. उस इंसान की किसी भी चीज से अब हमें घृणा हो गयी है. मुङो केवल इंसाफ चाहिए कि रंजीत जैसे इनसान को हर हालत में सजा मिलनी चाहिए. जब उसे सजा मिलेगी, तो मै समझूंगी कि मेरा प्रयास सफल हो गया.
डीआइजी ने दी थी सलाह
तारा ने कहा कि डीआइजी उनसे मिलने आये थे. उन्होंने कहा था कि मीडिया और सोशल मीडिया से हम दूर रहें. मीडिया ट्रायल के कारण रांची की पूरे देश में किरकिरी हो गयी है. उसने कहा कि मीडिया ने ही घटना को तूल दिया. इस कारण रंजीत कोहली गिरफ्तार होकर आज सलाखों के पीछे है. यदि मीडिया शुरू दिन से मेरा साथ नहीं देता ,तो एक पति-पत्नी की लड़ाई के मामले की तरह मेरा मामला भी दब जाता.
कुत्ता के कारण मैं आज जिंदा हूं
तारा शाहदेव ने कहा कि पॉमेरियन कुत्ते ने मेरी काफी सहायता की. काटने के बजाय वह केवल मेरा कपड़ा खींचता था. जब मै बेहोश हो गयी, तो उसकी सांस से मुङो ऑक्सीजन मिला. वह मेरे आंसू भी पोछता था.
मारपीट के दौरान कहता था बस नवंबर
तारा ने बताया कि मारपीट के दौरान रंजीत कहता था, बस नवंबर.. उसके बाद मैं देश भर में राज करूंगा. मेरे पास 14-15 विधायक हैं. लेकिन वह इस प्रकार की बात क्यों करता था, यह मुङो समक्ष में नहीं आया. मैं इस बात से यह समझ नहीं पायी कि नवंबर महीने में वह किस बड़ी योजना को अंजाम देने वाला है. तारा शाहदेव ने कहा कि मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. हालांकि जिला पुलिस का प्रयास सराहनीय है, लेकिन हमें डर है कि उनके आला अधिकारी उन पर दबाव बना सकते हैं,
जांच को तैयार : सुरेश पासवान
रांची. नगर विकास मंत्री सुरेश पासवान एक दिन पहले दिये अपने बयान से मुकर गये. 28 अगस्त को उन्होंने कहा था कि रंजीत उर्फ रकीबुल से उनकी मुलाकात बीएनआर होटल में हुई थी. वह एक बार रंजीत से मिले थे. शुक्रवार को एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया, तब मंत्री ने कहा कि वह न तो रंजीत कोहली को जानते हैं और न ही शूटर तारा नाथ शाहदेव को. जब उनसे कहा गया गया कि तारा ने आरोप लगाया है कि रंजीत और आपके बीच संपर्क था, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह किसी भी एजेंसी से जांच के लिए तैयार हैं.
रंजीत उर्फ रकीबुल की शादी में पुलिसवाला चला रहा था दूल्हे की गाड़ी
रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन की शादी में दुल्हे की गाड़ी पुलिसवाला चला रहा था. पुलिस के दो जवान वरदी में रंजीत कोहली के घर में मौजूद थे. दोनों जवानों को नेग के रूप में रंजीत की मां कौशल रानी ने 100-100 रुपये के दो नोट भी दिये थे और कहा था कि रख लो यह दो सौ, दो करोड़ बन जायेगा. पीछे से रंजीत कोहली ने भी कहा था कि दो करोड़ बन जायेगा. दोनों पुलिसकर्मी किसी अधिकारी के बॉडीगार्ड हैं. दोनों का नाम सिद्धनाथ राम और अजय कुमार है. दोनों रंजीत कोहली के आदेश का पालन कर रहे थे. रंजीत कोहली के कहने पर एक सिपाही उस गाड़ी का चालक बन गया था, जिसेदुल्हा रंजीत कोहली के लिए सजाया गया था. गाड़ी में पिछली सीट पर रंजीत, उसकी मां और एक महिला बैठी थी, जबकि अगली सीट पर पुलिसवाला चालक के रूप में था. आगे की सीट पर बायीं तरफ मेन रोड के एक प्रसिद्ध टेलर के मालिक का बेटा बैठा हुआ था. यह युवक भी रंजीत कोहली का करीबी है. बारात जाने से पहले से वह रंजीत कोहली के फ्लैट पर था. यहां से रेडिशन ब्लू होटल में शादी के दौरान और फिर विदाई के बाद रंजीत कोहली के फ्लैट तक लगातार साथ रहा.
शादी में पैसा उड़ा रहे थे डीएसपी
रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल की शादी में गढ़वा स्थित नगर उंटारी के डीएसपी सुरजीत कुमार खूब नाच रहे थे और पैसे भी उड़ा रहे थे. शादी की वीडियो में सुरजीत कुमार के साथ उन्हीं की बैच के एक दूसरे डीएसपी भी हैं. वह भी शादी में डांस कर रहे हैं और लगातार सिटी भी बजा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि रंजीत कोहली ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि उसके संपर्क डीएसपी रैंक के दो दर्जन पुलिस अफसरों से हैं. सभी से डीएसपी सुरजीत के जरिये ही संपर्क बना था. रंजीत कोहली पुलिस अफसरों को पार्टी भी देता था.
शादी के दिन चार मोबाइल रखे हुए था
शादी के दौरान रंजीत कोहली अपने हाथ में लगातार चार मोबाइल फोन रखे हुए था और हर एक-दो मिनट में बातें कर रहा था. बारात निकलने से पहले वह अपने फ्लैट में जब था, तब उसके हाथ में चार मोबाइल फोन थे. जब वह रेडिशन ब्लू होटल में तारा शाहदेव से शादी कर रहा था, तब भी उसके हाथ में चार मोबाइल सेट थे. लगातार उसकी बात मोबाइल पर किसी से हो रही थी. विदायी के बाद घर लौटा, तब भी उसके हाथ में मोबाइल थे.
काजी ने कहा, निकाह कराया था, प्रमाण पत्र नहीं दिया,20 मिनट चला था निकाहनामा
रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन और तारा का निकाह करानेवाले शहर काजी ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने ब्लेयर अपार्टमेंट में दोनों का निकाह करवाया था. निकाह के लिए हाजी हरसामुद्दीन ने उन्हें आठ अगस्त की दोपहर फोन करके बुलाया था. निकाह के दौरान हाइकोर्ट के विजिलेंस रजिस्ट्रार मो मुस्ताक अहमद समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.
शहर काजी कारी जान मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि आठ जुलाई की शाम 6.15 बजे के बाद ब्लेयर अपार्टमेंट में निकाहनामा का कार्यक्रम शुरू हुआ था. कार्यक्रम करीब 20 मिनट तक चला था. उन्होंने ही इसकी प्रक्रिया शुरू करायी थी. उन्होंने सबसे पहले लड़के का नाम पूछा. लड़के ने अपना नाम रकीबुल हसन और पिता का नाम हरनाम सिंह कोहली बताया. इस पर काजी ने ऐतराज जताया था. तब वहां मौजूद लोगों ने कहा था कि रकीबुल पांच-छह साल पहले ही इसलाम धर्म स्वीकार कर चुका है, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं है. इसके बाद उन्होंने परदे के पीछे बैठी लड़की का नाम पूछा. लड़की ने अपना नाम सारा परवीन बताया. पिता का नाम पूछने पर लाला अंबिका नाथ शाहदेव बताया. इस पर भी उन्होंने ऐतराज किया, तो मौजूद लोगों ने कहा था कि दोनों मुसलमान हो गये हैं, इसलिए कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद उन्होंने कबूलनामा करवाया.
कबूलनामा में लड़की ने तीन बार कबूल है कहा था. शहर काजी ने बताया कि निकाहनामा के बाद उन्होंने रकीबुल और सारा परवीन से धर्म परिवर्तन से संबंधित कोर्ट के कागजात मांगे, तो उन्होंने कागजात नहीं दिखाया. इस पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा था कि जब आप लोग कागज देंगे, तभी हम निकाह का प्रमाण पत्र देंगे. कागज नहीं देने पर निकाहनामा कबूल नहीं होगा. काजी के अनुसार इतना बोल कर वह वहां से निकल गये थे, क्योंकि माहौल समझ में नहीं आ रहा था. शहर काजी ने बताया कि रकीबुल के घर में इफ्तार व दावत की व्यवस्था भी थी. मुङो उसमें शामिल होने कहा गया था, लेकिन मैंने कहा था कि इफ्तारी वहीं करते हैं, जहां तराबी का नवाज पढ़ाते हैं, इसलिए मैं यहां इफ्तार नहीं करूंगा.
यह पूछे जाने पर कि निकाह के वक्त लड़की के माता-पिता मौजूद थे या नहीं, शहर काजी ने कहा कि परदे के दूसरी तरफ कौन लोग थे, मुङो नहीं पता. मैंने उन्हें नहीं देखा.
सीसीटीवी फुटेज की होगी जांच
स्टेशन रोड स्थित होटल एकॉर्ड इन का कमरा नंबर 307, जो हमेशा रंजीत उर्फ रकीबुल के नाम पर बुक रहता था. वहां कौन-कौन लोग आते थे, इसकी जांच के लिए होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज हासिल करने का निर्देश सिटी एसपी ने दिया है. उन्होंने यह निर्देश केस के अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह को दिया है. हालांकि शुक्रवार की शाम तक पुलिस सीसीटीवी फुटेज हासिल नहीं कर पायी थी. पुलिस ने होटल में कमरा बुक होने के संबंध में जब रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से पूछताछ की, तब उसने बताया कि होटल के मालिक के उसकी दोस्ती है. इस वजह से वह अक्सर वहां आता-जाता था. कमरे के लिए उसे रुपये भी नहीं देने पढ़ते थे. हालांकि पुलिस अधिकारियों को रंजीत सिंह के जवाब पर संदेह है, इसलिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस बात की जांच करेगी कि होटल के कमरे में क्या होता था. वहां किन लोगों का आना-जाना था. इसके अलावा पुलिस को और कुछ सवालों के जवाब चाहिए, जिसके संबंध में तारा शाहदेव ने पुलिस को बताया है.
तारा प्रकरण में सीबीआइ जांच की मांग जायज : मरांडी
पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि तारा शाहदेव प्रकरण में सीबीआइ जांच की मांग जायज है. राज्य सरकार को तारा शाहदेव की ओर से सीबीआइ जांच की मांग को तत्काल स्वीकार करना चाहिए. इस मामले में राज्य सरकार राजनीति को विराम लगाये. श्री मरांडी ने कहा कि इस मामले में कई लोगों की संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं. इसके तार रांची, पटना और दिल्ली तक जुड़े होने के संदेह हैं. ऐसे में अगर पीड़ित युवती को राज्य की पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है, तो केंद्रीय एजेंसी से जांच करानी चाहिए. श्री मरांडी ने कहा कि तारा के मामले में कुछ लोग और संगठन अपनी राजनीति रोटी सेंक रहे हैं. ऐसा करना दु:खद है. लव जिहाद के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास हो रहा है. तारा शाहदेव की भावना का सम्मान करते हुए इस घटना पर ओछी राजनीति नहीं होनी चाहिए. इससे पहले वे तारा शाहदेव से मिले और घटना की जानकारी ली.
मंत्रियों के आवास के समक्ष प्रदर्शन, काला झंडा दिखाया
जय श्रीराम सेवा संघ ने तारा शाहदेव मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी तारा शाहदेव मामले में नाम आने के मामले में राज्य के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी व मंत्री सुरेश पासवान के आवास पर गये और विरोध-प्रदर्शन करते हुए काला झंडा दिखाया. सभी दोनों मंत्रियों से इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व विधानसभाध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, सेशन जज, डीएसपी सुरजीत कुमार, दोनों पूर्व डीजीपी जीएस रथ और नेयाज अहमद पर भी कानूनी कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि तारा शाहदेव के साथ अन्याय हुआ है. उसे किसी भी हाल में न्याय मिलना चाहिए. इससे पूर्व संघ के सदस्य अलबर्ट एक्का चौक से मोटरसाइकिल पर सवार होकर मंत्रियों के आवास पर पहुंचे. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया. मौके पर नितेश कुमार मिश्र, सुषमा कुमार सिंह, शिवम कुमार सिंह, अजय राय, केसी, सबलु मुंडा, रोहित राय, फूलचंद महतो, प्रदीप कुमार, सोनू सिंह व अभिषेक सहित दर्जनों लोग थे.