रांची: हाइब्रिड बीज आपूर्ति करनेवाली कंपनियों की ओर से आपूर्ति आदेश से ज्यादा सप्लाइ का दावा किये जाने के बाद कृषि विभाग ने पूरे बीज आपूर्ति प्रक्रिया की जांच का आदेश दिया है. कई जिलों में इसकी जांच पूरी हो गयी है. जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिली हैं.
खूंटी, सिमडेगा और रांची जिले की जांच के दौरान भी गड़बड़ी मिली है. यहां तो बीज कंपनियों के एक ही अधिकारी ने पूरी रजिस्टर भर दी. खुद ही हस्ताक्षर भी कर दिया है. दुमका में मृत व्यक्ति के नाम पर बीज बांटने का मामला पहले ही आया है.
इसकी जांच वहां के उपायुक्त ने करायी थी. कई पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी की गयी थी. बीज कंपनियां बिल का भुगतान के लिए निदेशालय और सचिवालय के चक्कर लगा रही हैं. बीज कंपनियों को 49 हजार क्विंटल आपूर्ति आदेश था. इसकी तुलना में 62 हजार क्विंटल का दावा किया गया है. मामला 2013-14 वित्तीय वर्ष के खरीफ मौसम का है. पिछले साल खरीफ के मौसम में धान बीज वितरण में अनियमितता पाये जाने के बाद जांच शुरू की गयी थी. कृषि विभाग ने पिछले साल हाइब्रिड बीज आपूर्ति करनेवाली कंपनियों का भुगतान नहीं किया है. कंपनियों ने जो बीज वितरण का दावा किया है, वह सरकार के आपूर्ति आदेश से बहुत अधिक है. पिछले साल सरकार ने 49 हजार क्विंटल हाइब्रिड धान बीज वितरण का आपूर्ति आदेश दिया था. सरकार ने हाइब्रिड बीज आपूर्ति के लिए 48 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. कंपनियों ने 53 करोड़ रुपये का दावा किया है.
प्रमंडलों में हो रही है जांच : विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी के आदेश पर पिछले साल हुए हाइब्रिड बीज वितरण की जांच करायी जा रही है. सभी क्षेत्रीय निदेशकों को जांच कराने का आदेश दिया गया है. जांच के लिए आपूर्तिकर्ता से बीज उपलब्ध करानेवालों की सूची मांगी गयी है.
दुमका डीसी ने करायी थी जांच
दुमका के शिकारीपाड़ा लैंप्स में ऐसे लोगों के नाम धान बीज का वितरण दिखाया गया था, जिनकी मौत पांच साल पहले हो चुकी थी. दुमका के उपायुक्त हर्ष मंगला ने जिले के कई प्रखंडों में बीज वितरण की जांच करायी थी. शिकारीपाड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने 16 लोगों से बीज लेने के संबंध में पूछताछ की थी. इनमें से 12 लोगों ने बताया कि उनको सरकारी की ओर से बीज नहीं मिला. पिछले साल चार जुलाई को प्रतापपुर के जिस व्यक्ति को धान बीज की आपूर्ति दिखायी गयी है, उस साहेब राणा की मौत पांच साल पहले हो चुकी है. शिकारीपाड़ा के कुशबोना गांव के उकील राणा, रमेश टुडू, सनातन किस्कू, भगन टुडू, हल्दी पहाड़ी के सुकोल हांसदा, प्रतापपुर के बुधन मरांडी, बाजाल मरांडी, जामुगुड़िया के लुखीराम मरांडी, चुंडा मरांडी, धुनीराम मरांडी, नंदू मरांडी, मताल मरांडी व पशुपति केवट ने भी अनुदानित धान बीज क्रय किये जाने से इनकार किया.