रांची: आगामी विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 28 सीटों पर सभी दलों की नजर है. भाजपा एसटी सीटों पर झामुमो का किला भेदने की तैयारी में जुट गयी है.
झारखंड के प्रमुख दलों का नेतृत्व अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं के हाथ में है. पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो और भाजपा ने इस वर्ग की अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की थी.
झामुमो प्रत्याशी 10 और भाजपा के प्रत्याशी ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी. भाजपा ने एसटी सीटों को लेकर खास रणनीति बनायी है. भाजपा कम अंतर से हारने वाली सीटों को खास तौर पर फोकस कर रही है. पार्टी की ओर से दो दिन पहले एसटी मोरचा के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई. इसमें तीन केंद्रीय मंत्री समेत 20 सांसदों ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते ने तो यहां की 22 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा किया है. इसके लिए कार्यकर्ताओं की टोली बना कर अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है.
यहां हुई थी सीधी टक्कर
पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड की अधिकांश एसटी सीटों पर भाजपा और झामुमो प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर हुई थी. भाजपा के प्रत्याशी नौ विधानसभा क्षेत्रों में जीते थे. वहीं 10 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. भाजपा की ओर से एसटी की दो सीटें जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को दी गयी थी. इसमें तमाड़ सीट पर जदयू प्रत्याशी गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने जीत दर्ज की थी. दुमका में भाजपा प्रत्याशी लुइस मरांडी ने हेमंत सोरेन को कड़ी चुनौती दी थी. वहीं चक्रधरपुर में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुआ और झामुमो प्रत्याशी सुखराम के बीच कांटे की टक्कर हुई थी.