रांची: मोरहाबादी स्थित दुर्गा मंदिर के समीप गोकुल धाम के सामने मंगलवार की सुबह दस बजे किशुन महतो की स्थानीय लोगों व मजदूरों ने पिटाई कर दी. वह डैम साइड टोडो गांव का रहनेवाला है.
बाद में सूचना मिलने पर पहुंची बरियातू पुलिस ने उसके बचाया. बाद में उसे थाना ले जाया गया. किशुन पर एक महिला मजदूर ने एचआइवी टेस्ट के बहाने ब्लड निकाल कर बेच देने का आरोप लगाया है. इस संबंध में महिला के बयान पर बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस ने बाद में किशुन को गिरफ्तार कर लिया.
भुक्तभोगी महिला मजदूरों ने पहचाना
बोड़ेया स्थित चंदवे गांव की रहनेवाली दया देवी ने बताया कि एक माह पहले वह मोरहाबादी के पास काम के तलाश में खड़ी थी. उसी समय किशुन महतो आया. वह उसे और उसके साथ खड़ी महिला मजदूर को काम दिलाने नाम पर बाइक से ले गया. बाद में दोनों को एक दुकान नुमा कमरे में बैठाया और शटर गिरा कर एक-एक यूनिट ब्लड निकाल लिया. उसके बाद दो सौ रुपये थमा दिया. बाद में दोनों को मोरहाबादी के पास लाकर छोड़ दिया. मंगलवार को फिर वह काम दिलाने के नाम पर महिला मजदूर को ले जाने आया. किशुन को महिला ने पहचान लिया. उसके बाद उसने वहां खड़े मजदूरों को उसकी करतूत की जानकारी दी, जिसके बाद वहां मौजूद लोग उस पर टूट पड़े. भुक्तभोगी महिला का कहना था कि यदि उसे एचआइवी टेस्ट करना था, तो सेंपल के रूप में थोड़ा सा ब्लड निकालना चाहिए, लेकिन उसने एक यूनिट ब्लड निकाल लिया. इधर, किशुन महतो ने बताया कि वह प्रभा भारती नाम की एनजीओ में काम करता है. संस्था मजदूरों का एचआइवी टेस्ट करती है. टेस्ट के लिए ही मजदूरों को ले जाया जाता है. ब्लड निकाल कर बेचने का आरोप गलत है.