रांची: कांग्रेस विधानसभा चुनाव अपने बूते लड़ने का मन बना रही है. कांग्रेस विधानसभा में झामुमो से किनारा करने की तैयारी में है. कार्यकर्ताओं-नेताओं ने भी विधानसभा में रास्ता अलग करने का दबाव बनाया है.
इधर प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने पदाधिकारियों को तैयारी करने को कहा है. जिलाध्यक्षों को प्रत्याशियों की सूची तैयार करने को कहा गया है. जिला और प्रदेश स्तर पर सूची तैयार कर प्रत्याशियों का चयन किया जायेगा. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी सहमति बनी की कार्यकर्ता मैदान में कूदे. लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति बन रही है. कांग्रेस अब सरकार की किचकिच से दूर रहेगी. हेमंत सोरेन सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से कोई कसरत नहीं होने जा रही है.
बीके हरि और जयराम से हुई है बात
प्रदेश अध्यक्ष ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर प्रभारी बीके हरि प्रसाद और जयराम रमेश से बात की है. केंद्रीय नेताओं ने प्रदेश में सरकार की स्थिति की जानकारी ली है. प्रदेश अध्यक्ष ने झामुमो के साथ गंठबंधन के बाद के चुनावी हालात से केंद्रीय आला कमान को अवगत कराया है. प्रदेश अध्यक्ष को साफ कहा गया है कि हम सरकार बचाने के किसी भी मुहिम में शामिल नहीं होंगे. सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है, तो कांग्रेस सदन में साथ देगी. लेकिन सदन से बाहर सरकार को लेकर राजनीति का हिस्सा नहीं बनेगी. झामुमो को सरकार बचाने के लिए अकेले क्राइसिस मैनेजमेंट संभालना होगा.
फ्लैश बैक
वर्ष 2009 में झाविमो के साथ हुआ था गंठबंधन
पिछले विधानसभा में कांग्रेस ने झाविमो के साथ गंठबंधन किया था. गंठबंधन में झाविमो को 25 सीटें दी गयी थीं. इसके साथ ही छह सीटों पर कांग्रेस और झाविमो के उम्मीदवारों के बीच दोस्ताना संघर्ष हुआ था. इस बार दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी हैं. पिछले चुनाव में झाविमो को 11 और कांग्रेस को 14 सीटें मिलीं थीं.