झारखंड की चार व बिहार की छह लोकसभा सीट सहित देश भर की कुल 91 सीटों के लिए गुरुवार को शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो गया. बिहार के कुछ इलाकों में नक्सली हिंसा की खबर है. हवेली खड़गपुर में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया. दो जवान शहीद हुए. झारखंड के चतरा संसदीय क्षेत्र के लातेहार में माओवादियों ने हिंसा की कोशिश की, पर जवानों ने उन्हें नाकाम कर दिया. राज्य में 2009 की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में आठ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी.
रांची: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को पलामू, लोहरदगा, चतरा और कोडरमा सीट के लिए शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ. चारों सीटों के लिए कुल 58.30 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. यह पिछले चुनाव से आठ फीसदी अधिक है. इस बार नक्सल प्रभावित कई इलाकों में मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट गये. लोगों पर नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के एलान का कोई खास असर नहीं दिखा. लोग घर से निकले और निर्भीक होकर मतदान किया. राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पीके जाजोरिया ने बताया, सबसे अधिक मतदान कोडरमा में रिकॉर्ड किया गया. इस सीट के लिए 60.97 फीसदी वोट पड़े. चतरा में सबसे कम 53.88 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं पलामू में 59.39 फीसदी और लोहरदगा में 59 फीसदी वोट पड़े.
बेखौफ होकर निकले वोटर : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया : छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण रहा. नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटरों की कतार देखी गयी. दूर-दराज के इलाकों में भी वोटरों ने बेखौफ होकर अपने वोट डाले. पिछले लोकसभा चुनाव (2009) की तुलना में इस बार हर लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है.
कई जगहों पर लंबी कतार
विभिन्न बूथों पर तैनात हमारे संवाददाताओं की रिपोर्ट के अनुसार, चारों लोकसभा क्षेत्र में सुबह सात बजे से ही वोटर अपने-अपने घरों से निकल गये थे. कई जगहों पर कड़ी धूप में भी वोटरों की कतार लगी रही.
नक्सलियों का मंसूबा नाकाम
चतरा लोकसभा क्षेत्र स्थित लातेहार के बालूमाथ में नक्सलियों ने तड़के छह लैंड माइंस विस्फोट किया, पुलिस के साथ मुठभेड़ भी हुई. पर कोई हताहत नहीं हुआ. चतरा के राजपुर थाना क्षेत्र के केंदुआ सबोट बूथ पर सुबह में नक्सलियों ने बम रख दिया था. इसे पुलिस ने हटाया. लोहरदगा संसदीय सीट के गुमला स्थित चैनपुर के पीपी बामदा गांव में बूथ संख्या-116, 117 व 118 के पास माओवादियों ने पहले बम ब्लास्ट किया, फिर पास की पहाड़ी से फायरिंग की. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. बाद में माओवादी भाग गये.