रांची: माकपा सीएनटी, पेसा व वन कानून, पुनर्वास के मुद्दे, जन वितरण प्रणाली आदि को लेकर लोकसभा के चुनावी मैदान में है. माकपा ने सोमवार को अपनी स्थानीय चुनाव घोषणा पत्र जारी किया है. पार्टी ने घोषणा पत्र में 22 मुद्दों को रखा है, जिसके आधार पर पार्टी चुनाव लड़ रही है.
पार्टी के झारखंड राज्य कमेटी सचिव गोपाकांत बक्शी ने बताया कि जदयू, सीपीआइ, मासस, फारवर्ड ब्लॉक, आरएसपी का माकपा के रांची प्रत्याशी राजेंद्र सिंह मुंडा को समर्थन प्राप्त है.
ये है घोषणा पत्र में
एचइसी, रांची एयरपोर्ट, इंडाल, स्वर्णरेखा परियोजना, चांडित आदि के विस्थापितों के मुआवजा, पुनर्वास व नौकरी की मांग पूरा करने के लिए कार्रवाई व संघर्ष
निगम के मास्टर प्लान 2037 तथा सोनाहातू में जिंदल व हिंडालको द्वारा भूमि अधिग्रहण पर रोक के लिए संघर्ष
सरकारी जमीन पर बसे गरीबों को बासगीत परचा व इंदिरा आवास सहित अन्य आवासीय योजनाओं को लागू कराना
अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गये गरीबों को पुनर्वास कराना
सीएनटी एक्ट व पेसा कानून को सख्ती से लागू कराना, आदिवासियों व गरीबों की हड़पी भूमि की वापसी, वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए संघर्ष करना
कृषि विकास के लिए सिंचाई, बाजार की उपलब्धता व किसानों को ब्याज रहित कर्ज दिलाना
सब्जी व फल से जुड़े प्रसंस्करण उद्योग का विस्तार करना
पेसा कानून व पांचवीं अनुसूची के संवैधानिक प्रावधानों को सख्ती से लागू कराना व पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक व वैधानिक अधिकार दिलाना
पर्याप्त समर्थन मूल्य व कोल्ड स्टोरेज के लिए संघर्ष करना
केंद्रीय बजट में आदिवासी सब प्लान के तहत योजनाओं का सही कार्यान्वयन व उसकी मॉनीटरिंग
लोहरा, चिक, बड़ाइक, बेदिया आदि जनजातियों को जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना व उनकी जमीन की सुरक्षा
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट व रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा दूर करना
मुसलिम, ईसाई आदि अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी अपनी संस्कृति व उपासना की पद्धति के अनुसरण की स्वतंत्रता की गारंटी
आदिम जनजाति, बिरहोर समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा व उनके लिए शिक्षा, रोजगार व चिकित्सा की विशेष व्यवस्था
नगर निगम क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, सफाई, गली-मुहल्ले में सड़क व झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवालों को पक्का आवास दिलाना
जन वितरण प्रणाली को मजबूत करना
ठेका मजदूरों का स्थायीकरण
बेरोजगारों को काम का अधिकार
पत्थर, परिवहन व निर्माण उद्योग में लगे असंगठित मजदूरों के लिए श्रम कानून लागू कराना