मुख्य सचिव ने अफसरों से कहा कि सारे जिलों में स्थित अदालत व जेलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करायें. साथ ही जेलों का औचक निरीक्षण नियमित करें. कक्षपालों की भी चेकिंग करायें, ताकि मोबाइल आदि को अंदर जाने से रोका जा सके. यह निर्णय भी हुआ कि जेलों में मोबाइल डिटेक्ट करने के लिए उपकरण की खरीद की जाये. मुख्य सचिव ने कहा कि पांच साल के सारे बच्चों का नामांकन स्कूलों में कराया जाये, जिनके माता-पिता या अभिभावक या तो सजायाफ्ता हैं या जेल में बंद हैं.
जेलों में मां के साथ जो बच्चे हैं, उनकी प्रोफाइलिंग की जाये. फिर उनका आवासीय विद्यालय, आश्रम, गुरुकुल विद्यालय में नामांकन करायें. झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड की समीक्षा करते हुए दुमका, पलामू, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां में पुलिस लाइन बनाने का काम तेज करने का निर्देश दिया. पुराने आवासों की मरम्मत के लिए कार्य योजना बनाने को कहा. गृह रक्षकों के क्रियाकलापों की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि एमआइएस डाटा के आधार पर ही होम गार्ड की ड्यूटी सुनिश्चित की जाये. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवा गृह रक्षकों की बहाली के लिए प्रतिवेदन देने को कहा. बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग एसकेजी रहाटे सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.