रांची: राज्य सरकार शिडय़ूल ऑफ रेट्स (एसओआर) की दर में बढ़ोतरी करने की सोच रही है. राज्य के वर्क्स डिपार्टमेंट के अधिकारी चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की तर्ज पर एसओआर की दर बढ़नी चाहिए. क्योंकि राज्य में तय किये जानेवाले एसओआर की दर से सुदूरवर्ती और शहरी इलाकों में काम कराने में दिक्कत होती है.
उदाहरण के तौर पर रांची नगर निगम क्षेत्र में होनेवाले कोई काम की दर हुसैनाबाद नगर पंचायत में भी वही है. यदि पाइप लाइन बिछाने का मामला ही लिया जाये, तो रांची में भी पाइप बिछाने की दर 10 रुपये प्रति फिट है, जो राज्य के किसी सुदूरवर्ती इलाकों में भी वही है.
सरकार का मानना है कि राज्य में स्टेट हाइवे की मरम्मत से लेकर अत्यधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क बनाने में न सिर्फ काफी परेशानी होती है, बल्कि नक्सलियों के डर से कंपनियां भी काम करने को तैयार नहीं होती हैं. अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में किसी भी काम की दर प्राक्कलित दर से अधिक में अवार्ड की जाती है. पश्चिम बंगाल में यह दर 10 फीसदी के आसपास है, जबकि महाराष्ट्र में यह पांच से दस फीसदी तक है. ऐसे में निविदा के दौरान ही कांट्रैक्टर कंपनी के चयन करने में दिक्कत नहीं होती है. कांट्रेक्ट की राशि अधिक होने से काम भी समय पर पूरा हो जाता है. झारखंड में निविदा की प्रक्रिया भी जटिल है. यहां पर अधिकतर काम प्राक्कलित राशि से 10 फीसदी कम में लिये जाते हैं.
विकास आयुक्त ने बुलायी बैठक : विकास आयुक्त सुधीर प्रसाद ने इस मुद्दे पर तीन अप्रैल को बैठक बुलायी है. बैठक में एसओआर के रिवीजन से लेकर अन्य पहलुओं पर विचार किया जायेगा.