पुलिस ने ऑटो चालक को चिह्नित करते हुए सबसे पहले असलम खान और छोटू को पकड़ा. दोनों ने हटिया निवासी अलाद्दीन का नाम पुलिस को बताया. अलाउद्दीन ही ऑटो चालकों के पास पहुंचता था और भाड़ा तय कर गिरोह के सदस्यों तक लेकर जाता था. यह जानकारी शनिवार की रात अपने कार्यालय में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने संवाददाता सम्मेलन में दी.
अलाउद्दीन ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह डकैती के केस में हुगली से 2016 में जेल गया था और चंदन नगर में रहने के दौरान उसकी पहचान मध्यप्रदेश के गुणा में रहने वाले गुलगुलिया गैंग के लोगों से हुई. उसकी निशानदेही पर उसके सहयोगियों की तलाश में करमाटांड़ में छापेमारी कर गिरोह के जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया गया. पुलिस ने वहीं से रामगढ़ निवासी जेवर व्यवसायी रंधीर प्रसाद को गिरफ्तार किया था. रंधीर प्रसाद वहां चोरी के जेवरात खरीदने पहुंचा था. वह गिरोह का पुराना सहयोगी है.
गिरफ्तार लोगों में कच्छा- बनियान गिरोह के बब्लू पारदी, शोभना उर्फ सन्नू, मो अलाउद्दीन, गोवर्धन, रामा सिंह उर्फ बोपना, सहंशाह, गोविंद, राजेंद्र उर्फ राजन गुजरिया, सुनील पारदीप, राजा बाबू पवार और अनुप मोधया का नाम शामिल हैं. पुलिस ने उनके पास से 3,01,387 रुपये, भारी मात्रा में सोना और चांदी के जेवरात बरामद किये हैं. गिरफ्तार अपराधियों में बब्लू पारदी, राम सिंह उर्फ बोपना, गोविंद, सुनील पारदीप और अनुप मोधया पुंदाग ज्वेलरी दुकान से नकद और जेवरात सहित 48 लाख रुपये की चोरी की घटना में शामिल थे. गिरफ्तार अपराधियों ने कांके में 20 मई को हुई डकैती, पंडरा में एक जून और चार जून को हुई चोरी, अरगोड़ा में चार जून को हुई चोरी के अलावा बरियातू में तीन जुलाई को हुई डकैती और जामताड़ा में 29 मार्च को हुई डकैती की घटना में संलिप्तता की बात स्वीकार की है.