सुधीर की मां मुन्नी देवी ने पुलिस को बताया कि वह कई दिनों से मुझे मोटरसाइकिल खरीदने के लिए कह रहा था. मैं उसे बार-बार यह समझाती थी कि घर की आर्थिक स्थिति अभी ठीक नहीं है. पहले वह 18 साल का हो जाये. लाइसेंस बनवा ले. इसके बाद वह बाइक खरीद कर देगी. मुन्नी देवी के अनुसार गुरुवार को गाड़ी खरीदने को लेकर सुधीर ने उनसे झगड़ा भी किया व गुस्से में अपना मोबाइल पटक कर तोड़ डाला.
रात में वह खाना खाकर अपने कमरे में सोने चला गया. सुबह जब मुन्नी देवी ने अपने पुत्र को आवाज दी, तब कोई आवाज नहीं आयी. जब मुन्नी देवी ने दरवाजा खोल कर देखा, तो सुधीर का शव रस्सी के सहारे लटका हुआ था. मुन्नी देवी ब्रह्मचारी आश्रम में दाई का काम करती है. सुधीर की दो बड़ी बहन है, जो अन्यत्र रहती है. घर में मां-बेटा ही रहते थे. सुधीर के पिता का देहांत हो चुका है. घटना के बाद मुन्नी देवी अपने पुत्र के शव से लिपट कर चिल्ला-चिल्ला कर रोने लगी. मुन्नी देवी रो-रो कर कह रही थी कि अभी मेरे पुत्र की उम्र बाइक चलाने लायक नहीं थी. इस वजह से मैं अपने पुत्र को बाइक नहीं देना चाहती थी. मुझे क्या पता था कि इतनी छोटी सी बात पर मेरा पुत्र जान दे देगा.