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गांजे की तीसरी बड़ी खेप पकड़ी गयी
तीन धंधेबाज और दो ट्रकों के चालक व क्लीनर गये जेल सुनील कुमार सिंह हाजीपुर. बुधवार को नगर थाना क्षेत्र के जढुआ मोड़ के समीप नारकोटिक्स और उत्पाद विभाग की संयुक्त छापेमारी में पकड़ी गयी गांजे की बड़ी खेप जिले में कोई पहली बार नहीं पकड़ी गयी है. इससे पहले भी पटना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो […]
तीन धंधेबाज और दो ट्रकों के चालक व क्लीनर गये जेल
सुनील कुमार सिंह
हाजीपुर. बुधवार को नगर थाना क्षेत्र के जढुआ मोड़ के समीप नारकोटिक्स और उत्पाद विभाग की संयुक्त छापेमारी में पकड़ी गयी गांजे की बड़ी खेप जिले में कोई पहली बार नहीं पकड़ी गयी है.
इससे पहले भी पटना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने जिले में गांजे की तीन बड़ी खेप को पकड़ी है. बीते 55 दिनों में टीम ने 67 क्विंटल 35 किलोग्राम गांजा बरामद किया. विभागीय सूत्रों की माने तो बरामद गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में चार करोड़ चार लाख दस हजार रुपये कीमत है. बीते 14 जनवरी को विभाग को पहली सफलता मिली थी. इसके बाद 26 फरवरी को दूसरी सफलता हाथ लगी. इस बीच बीते पांच फरवरी को बख्तियारपुर में भी टीम ने सात सौ किलो गांजा के साथ दो धंधेबाज को गिरफ्तार किया था.
सभी घटनाओं में इस बात का खुलासा हुआ कि उड़ीसा और सिलीगुड़ी से धंधेबाज उत्तम क्वालिटी के गांजे मंगवाते हैं. अंतरराज्यीय गांजा तस्कर का सरगना राघोपुर दियारा क्षेत्र का रहने वाला है.
गांजा की खेप बिदुपुर और राघोपुर थाना क्षेत्र में ठिकाने लगाया जाता है. गिरफ्त में आये धंधेबाजों ने इस बात का भी खुलासा किया कि एक किलो से लेकर पांच किलो तक का बंडल तैयार करने के बाद उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में गांजा पहुंचा दिया जाता है. छह हजार किलो की दर से गांजा बेचा जाता है, जिसे गुमटीनुमा पान और खैनी के दुकानदार दस हजार रुपये किलो के भाव में बेचते हैं. पुलिस से बचने के लिए धंधेबाज गांजा को केलवानी अथवा नदी किनारे झोपड़ीनुमा बथान के आसपास छुपाकर रखते हैं.
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