पटेढ़ी बेलसर : प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्तर पर अभी तक एक छटांक भी धान की खरीद नहीं हो पायी है, जबकि 60 प्रतिशत से अधिक धान तैयार हो चुका है. किसान पैक्स से लेकर प्रखंड कार्यालय तक चक्कर लगाने के बाद कम कीमत पर धान बेच रहे हैं. इसका लाभ बिचौलिये उठा रहे हैं. किसान प्रति क्विंटल 400 रुपये घाटा सह कर धान बेच रहे हैं. सहकारिता विभाग ने इस बार उत्तम क्वालिटी के धान का 1510 रुपये प्रति क्विंटल तथा साधारण धान का मूल्य 1470 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने का दाम निर्धारित किया है. धान की खरीदगी 15 नवंबर से शुरू होनी थी,
लेकिन अब तक एक किलो भी धान की खरीद नहीं की गयी है. किसान रबी फसल की बोआई और लगन के समय को देखते हुए कम कीमत पर धान बेच रहे हैं. बिचौलिए घर-घर जाकर किसानों से 1050 से लेकर 1100 रुपये प्रति क्विंटल धान ले रहे हैं. किसानों के साथ विवशता है कि वह इस दाम में बेच कर जरूरी काम निबटा रहे हैं. किसानों की चिंता अगली फसल को लेकर है. गेहूं, मक्का, आलू तथा सब्जी के खेती में पूंजी लगानी पड़ रही है. इस कारण वे धान को बिचौलियों के हाथों बेच पूंजी जुटा रहे हैं. इस बार धान बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो गया है. इससे भी किसानों को परेशानी हो रही है. प्रखंड क्षेत्र में अब तक मात्र 130 किसानों ने ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर धान की फसल उगायी जाती है. प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में पैक्स के द्वारा तथा प्रखंड स्तर पर बीएसएफसी के माध्यम से खरीद होनी है. किसान उमेश सिंह, कमलेश्वर सिंह, शिव सिंह ने कम दाम पर अपनी धान बेचने के बाद बताया कि हमलोगों ने पैसे की जरूरत को देखते हुए धान को 1100 रुपये प्रति क्विंटल बेच दिया है. सरकारी स्तर पर कहीं भी धान खरीद नहीं हो रही है.