हाजीपुर : हाजीपुर स्टेशन पर उस समय अजीबो गरीब स्थिति बन गयी जब एक महिला को उसके तीन बच्चों के साथ कुछ लोगों ने जबरदस्ती बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस ट्रेन से खींचना शुरू कर दिया. खुल रही ट्रेन से महिला और उसके बच्चों को खींचते देख लोगों ने हल्ला करना शुरू कर दिया.
हल्ला और शोर सुन कर ट्रेन के गार्ड ने ट्रेन को रुकवाया. जिसके बाद पहुंची जीआरपी ने सभी को थाने ले आयी.
पति की मौत के बाद की शादी : जानकारी के अनुसार औद्योगिक थाना क्षेत्र के धनौती निवासी श्वेता सिंह की शादी 14 वर्ष पहले मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र के गजेंद्र सिंह से हुई थी. वह छोटी-मोटी नौकरी करते थे और उनके तीन बच्चे भी हैं. वर्ष 2012 की एक दुर्घटना में गजेंद्र की मौत हो गई.
पति की मौत के बाद श्वेता अपने तीनों बच्चों के साथ मुजफ्फरपुर में एक किराये के मकान में रहने लगी. इधर-उधर से कुछ पैसे मदद लेकर उसने सिलाई का काम शुरू कर अपने बच्चों का पालन पोषण करने लगी. इस दौरान वह अपने मायके भी आया करती थी. मायके में उसकी भाभी का एक भाई रोशन सिंह भी आया करता था. कुछ दिनों के बाद दोनों में आपसी तालमेल बढ़ी, बातें बढ़ी और प्यार हो गया.
पुलिस ने पहुंच कर सभी को थाना लाया :
सूचना मिलते ही श्वेता के पिता अपने बेटे पप्पू सिंह और पत्नी मिथलेश सिंह के साथ हाजीपुर स्टेशन पर पहुंच गए. उनके साथ कुछ और लोग भी थे. ट्रेन के आते ही सभी ने उन्हें ढूंढ़ना शुरू कर दिया और देखते ही उनके साथ जोर-जबरदस्ती शुरू कर दी. वह दृश्य इंसानियत को शर्मसार करने वाला था. एक भाई,
पिता और मां ने मिलकर अपनी बेटी और उसके बच्चे सभी को धक्का-मुक्की और जोर-जबरदस्ती कर ट्रेन से खींच कर नीचे उतार दिया. इस दौरान विधवा के साथ मारपीट भी हुआ. मामले की गंभीरता को देख वहां मौजूद आरपीएफ के जवानों ने तीनों बच्चों और महिला को थाने ले आई.
मुझे भी जीने का है हक : थाने में श्वेता ने कहा, मुझे भी जीने का हक है, मुझे जाने दो. मैं यहां नहीं रहना चाहती हूं. सभी लोग मिलकर मुझे मार देंगे. किसी को मेरी या मेरे बच्चों की फिक्र नहीं, सभी लोग मुझे मिलने वाले पैसों से मतलब रखते हैं. किसी समाज को मेरी कोई फिक्र नहीं है.
मकान मालकिन ने परिजनों को दी जानकारी
श्वेता सिंह अपने पहले पति गजेंद्र सिंह की जमा पूंजी निकालने में परेशान थी. इस बीच घर-समाज की चिंता किये बिना दोनों ने छुपे कर शादी कर ली. कुछ दिनों बाद रोशन काम करने के लिए कटनी चला गया. इधर श्वेता सिंह पर समाज का हवाला देकर उसके घर के लोग परेशान करने लगे. तो उसने अपने बच्चों को लेकर रोशन के पास जाने का निर्णय लिया. गुरुवार 27 अक्तूबर को वह अपने सामान और तीनों बच्चों को लेकर मुजफ्फरपुर के अपने किराये के मकान से निकल पड़ी. उसने यह बात अपने मकान मालकिन को भी बता दिया कि वह बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस से कटनी जा रही है.
मकान मालकिन ने उसके घर से निकलते ही यह बात श्वेता के मायके वालों को फोन पर बता दिया.
सभी मामले को सुनने के बाद आरपीआफ के एएसआइ ने बताया कि मामला बहुत विवादित लग रहा है, तीनों बच्चों के भविष्य को देखते हुए सभी को समझने का प्रयास किया जा रहा है. तीन बच्चों की मां, मायके-ससुराल और एक लड़का सभी समझ गए तो ठीक, नहीं तो श्वेता को महिला हेल्पलाइन भेज दिया जायेगा.
प्रदीप कुमार, एएसआइ, आरपीआफ