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सपरिवार आत्मदाह का किया प्रयास
पुलिस की चौकसी से टली घटना डीएम-एसपी ने दिया उचित कार्रवाई करने का आश्वासन हाजीपुर : शुक्रवार को स्थानीय समाहरणालय परिसर में उस समय अफरातफरी मच गयी, जब न्याय नहीं मिलने से हताश हुए एक ही परिवार के सभी सात सदस्य आत्मदाह करने का प्रयास करने लगे. हालांकि पुलिस की चौकसी और तत्परता के कारण […]
पुलिस की चौकसी से टली घटना
डीएम-एसपी ने दिया उचित कार्रवाई करने का आश्वासन
हाजीपुर : शुक्रवार को स्थानीय समाहरणालय परिसर में उस समय अफरातफरी मच गयी, जब न्याय नहीं मिलने से हताश हुए एक ही परिवार के सभी सात सदस्य आत्मदाह करने का प्रयास करने लगे. हालांकि पुलिस की चौकसी और तत्परता के कारण जिले के तमाम वरीय पदाधिकारियों के सामने एक बड़ा हादसा होने से बच गया. मामला तिसिऔता थाना क्षेत्र के दशपरहा गांव का है.
13 वर्ष पूर्व गांव के जितेंद्र कुमार सिंह की जगह फर्जीवाड़ा कर उसके पट्टीदार मुकेश कुमार सिंह को चौकीदार की नौकरी मिली थी. इसके विरोध में जितेंद्र कुमार सिंह विभागीय चक्कर और पदाधिकारियों की गुहार लगा कर थक-हार चुका था. आखिरकार, न्याय नहीं मिलने पर सपरिवार आत्महत्या करने की योजना बनायी और इसकी सूचना संबंधित सभी पदाधिकारियों को पत्र के माध्यम से दी थी.
बोलेरो से सपरिवार समाहरणालय परिसर में पहुंचा : अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत जितेंद्र सुबह आठ बजे एक बोलेरो पर सवार होकर घर से हाजीपुर के लिए निकला. बोलेरो पर उसकी पत्नी सीमा देवी, 90 वर्षीया मां शैल देवी, बहन बिंदु देवी, बेटी संध्या कुमारी, पुत्र रोहित कुमार और राहुल कुमार के साथ वह समाहरणालय मुख्य द्वार पर पहुंचा. इधर, जितेंद्र के सपरिवार आत्मदाह करने की भनक मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गयी.
एसपी राकेश कुमार ने आनन-फानन में सदर एसडीओ रवींद्र कुमार के नेतृत्व में महिला दारोगा ज्योति कुमारी और पुलिस बल को तैनात कर दिया. जैसे ही बोलेरो समाहरणालय परिसर में पहुंची, पहले से चौकस पुलिस के जवानों ने बोलेरो को चारों तरफ से घेर लिया. इस दौरान जितेंद्र के परिवार की महिला सदस्यों और महिला पुलिस के बीच घक्का-मुक्की भी हुई.
दोनों पुत्रों ने केरोसिन उड़ेल आग लगाने का किया प्रयास : इधर पुलिस महिलाओं को अपने कब्जे में करने के लिए मशक्कत कर ही रही थी कि मौका मिलते ही जितेंद्र के दोनों बेटों ने बोलेरो में रखे केरोसिन की बोतल को अपने शरीर पर उड़ेल लिया. रोहित जब तक माचिस की तिली निकाल कर आग लगाने का प्रयास करता, इसके पहले दारोगा चरणजीत ने उसको दबोच लिया.
इसके बाद रोहित और राहुल को पुलिस ने हिरासत में लेकर नगर थाने को सौंप दिया. नगर पुलिस दोनों भाइयों को लेकर थाने चली गयी.
आश्वासन के बाद शांत हुआ पीड़ित परिवार : पीड़ित परिवार की मांग पर प्रशासनिक पदाधिकारी उनलोगों को डीएम रचना पाटील और एसपी राकेश कुमार के पास ले गये. दोनों पदाधिकारियों ने मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
इसके बाद पीड़ित परिवार समाहरणालय परिसर से जाने को राजी हुए. स्थिति की नजाकत को देखते हुए सदर एसडीओ के आदेश पर सदर अस्पताल से एंबुलेंस को बुलाया गया. पुलिस अभिरक्षा में जितेंद्र, उसकी पत्नी, मां, बहन और बेटी को सदर अस्पताल लाकर प्राथमिक उपचार किया गया.
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