हाजीपुर : सदर अस्पताल में कार्डियक केयर यूनिट के बंद रहने से जिले में हृदय रोग के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. वर्षों से बंद पड़ा सीसीयू कब चालू होगा, इसका ठोस जवाब अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है. सीसीयू में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के उपकरण जंग खा रहे हैं, जबकि […]
हाजीपुर : सदर अस्पताल में कार्डियक केयर यूनिट के बंद रहने से जिले में हृदय रोग के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. वर्षों से बंद पड़ा सीसीयू कब चालू होगा, इसका ठोस जवाब अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है. सीसीयू में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के उपकरण जंग खा रहे हैं,
जबकि हृदय रोग के मरीज जिले से बाहर पटना या अन्य शहरों में इलाज कराने को विवश हैं. हृदय रोगियों के समुचित इलाज के लिए लगभग चार साल पहले सदर अस्पताल में सीसीयू स्थापित किया गया था. तब से आज तक यह बंद पड़ा है. इसे चालू करने का कोई प्रयास नहीं हुआ. इसमें लगाये गये मॉनिटर से लेकर सारी अत्याधुनिक मशीनें जंग खा रही हैं.
इलाज की उम्मीदों पर फिरा पानी
चिकित्सकों का अभाव बता कर सीसीयू को बंद रखा गया है, जबकि इसके लिए डॉक्टरों की विशेष व्यवस्था की गयी थी. 2012 के मध्य में जब सदर अस्पताल में सीसीयू खोला जा रहा था, तो उस समय इसके संचालन के लिए अस्पताल के पांच चिकित्सकों को पीएमसीएच में तीन महीने की ट्रेनिंग दी गयी थी. सीसीयू के लिए ही विशेषज्ञ डॉ एम फैजी की बहाली की गयी थी. यह व्यवस्था की गयी, तो लोगों में उम्मीद जगी कि अब हृदयाघात का शिकार होनेवाले मरीजों को तत्काल यहां जीवन रक्षक प्रणाली उपलब्ध होगी और कायदे से उनका उपचार हो सकेगा.
इससे हृदय रोगियों की जान पर आफत नहीं आयेगी. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. सीसीयू बनने के बाद इन चार वर्षों में इसे चालू करने में अस्पताल प्रशासन ने कभी दिलचस्पी नहीं दिखायी.
रोजाना दर्जनों मरीज आते हैं :
सदर अस्पताल में हृदय रोग के इलाज की अत्याधुनिक व्यवस्था के बावजूद हृदय रोगी निजी क्लिनिकों की शरण में जाने को बाध्य हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी में रोजाना हृदय रोग से संबंधित तकलीफों को लेकर पहुंचनेवाले मरीजों की संख्या 40 से 50 होती है. 30 से 35 मरीजों की इसीजी जांच होती है. जांच में 15 से 20 मरीजों में हृदय रोग की शिकायत मिलती है. यदि अस्पताल में सीसीयू चालू होता तो ऐसे मरीजों को इलाज के लिए बाहर भटकना नहीं पड़ता.
ट्रेंड डॉक्टरों की जरूरत
सीसीयू को चालू करने के लिए विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षित डॉक्टरों की जरूरत है. अभी ऐसे डॉक्टरों का अभाव है. जब तक ये उपलब्ध नहीं हो जाते, इसे चालू कराना मुश्किल है. सीसीयू में 24 घंटे सेवा की जरूरत है. इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कुछ कमी है. इन कमियों को दूर किये बिना सीसीयू चलाना मुनासिब नहीं होगा.
डॉ इंद्रदेव रंजन, सिविल सर्जन
अस्पताल में बंद पड़ा कार्डियक केयर यूनिट.